NewDelhi : आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पार्टी की तरफ की गयी मुफ्त बिजली-पानी जैसी चुनावी घोषणाओं को असमानता वाले समाज के लिए अहम करार दिया है. बता दें कि चुनाव के दौरान मुफ्त की घोषणाओं या फ्रीबीज का मुद्दा गर्माया हुआ है. इस मामले में दायर जनहित याचिका के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
Aam Aadmi Party (AAP) files application in SC opposing a PIL against political parties promising ‘freebies’ during election campaigns.
AAP says electoral promises like free water, free electricity, free transport aren’t freebies but are absolutely essential in an unequal society pic.twitter.com/ESU6bJRio7
— ANI (@ANI) August 9, 2022
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कोई भी राजनीतिक दल फ्रीबीज को जाने नहीं देना चाहता : सीजेआई
जान लें कि भाजपा की दिल्ली इकाई के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका में राजनीतिक दलों के रेवड़ी कल्चर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गयी थी. इसके उलट आप का कहना है कि मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली या मुफ्त परिवहन फ्रीबीज नहीं है, बल्कि असमानता वाले समाज के लिए ये बेहद जरूरी हैं.
इस क्रम में तीन अगस्त को उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई एनवी रमना ने कहा था कि कोई भी राजनीतिक दल फ्रीबीज को जाने नहीं देना चाहता, यहां तक कि केंद्र सरकार ने भी इसे आर्थिक आपदा का रास्ता बताया था. SC ने भारत निर्वाचन आयोग से इस परेशानी से निपटने के लिए रास्ते तलाशने की अपील की थी.
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याचिकाकर्ता उपाध्याय के सत्तारूढ़ भाजपा के साथ मजबूत संबंध हैं
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय विशेष राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जनहित याचिका के माध्यम का उपयोग करने का प्रयास कर रहे हैं. अर्जी में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने किसी विशेष सत्तारूढ़ दल के साथ अपने वर्तमान या पिछले संबंधों का खुलासा नहीं किया है और इसके बजाय खुद को एक सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में पेश किया है.
आप की अर्जी में कहा गया है, याचिकाकर्ता (उपाध्याय) के सत्तारूढ़ भाजपा के साथ मजबूत संबंध हैं वह पूर्व में इसके प्रवक्ता और इसकी दिल्ली इकाई के नेता के रूप में कार्य कर चुके हैं. कहा कि जनहित के नाम पर याचिकाकर्ता की याचिकाएं, अक्सर पार्टी के राजनीतिक एजेंडा से प्रेरित होती हैं.