- कूप निर्माण में 2,65,299 रुपये का हुआ है गबन, 10 लोगों पर है आरोप
- राशि गबन करने में चार अभियंता, मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, लाभुक एवं अन्य शामिल
Ranchi: हजारीबाग प्रमंडल अंतर्गत मनरेगा योजना में नल कूप निर्माण में हुए 2,65,299 रुपए की राशि दुरूपयोग की जांच अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) करेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एसीबी जांच की अनुमति दे दी है. यह मामला 25 जनवरी 2017 का है. 10 लोगों के खिलाफ सरकारी राशि गबन का आरोप हैं. एसीबी ने सरकारी राशि के दुरूपयोग करने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) अधिनियम-2018 के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच करने की अनुमति मांगी थी. जिसपर मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अपना अनुमोदन दिया है.
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नल कूप का निर्माण किए बिना राशि की निकासी
बता दें कि एसीबी जांच में चतरा निवासी बसंत सिंह एवं नरेश सिंह के नाम से दो कूप निर्माण की योजना थी. हालांकि एक ही कूप का निर्माण कर दोनों कूप की राशि निकासी कर ली गयी. जांच में पता चला कि नरेश सिंह के नाम से कूप निर्माण योजना के नाम पर मुखिया, पंचायत सेवक एवं कनीय अभियंता ने मिलीभगत कर 58,280 रूपये की राशि की निकासी की. उक्त योजनाओं की जांच से पता चला कि कार्य स्थल पर बिना कार्य कराये ही 2,65,299 रुपये का बंदरबांट किया गया.
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इन लोगों पर लगा है गबन का आरोप
जिन लोगों पर गबन का आरोप है उसमें प्रेमचन्द्र पांडेय (लाभुक), विशुन उरांव (रोजगार सेवक), नरेश हजाम (पंचायत सेवक), विवेक कुमार (पंचायत सेवक), संजु देवी (मुखिया), मिथिलेश सिंह उर्फ राकेश सिंह (सामग्री आपूर्तिकर्त्ता, वर्तमान में मुखिया, सीमा पंचायत, चतरा), केदार सिंह (कनीय अभियंता), राजेश कुमार (कनीय अभियंता) संजय सिंह (सहायक अभियंता), तारणी मंडल (कार्यपालक अभियंता) शामिल हैं.