Ranchi: मेडिका सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अब कैंसर का इलाज किया जा रहा है. मेडिका अस्पताल में मेडिकल ऑंकोलॉजी और सर्जिकल ऑंकोलॉजी की सुविधा दी जाएगी. मेडिकल ऑंकोलॉजी में कीमो थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी लक्षित चिकित्सा ठोस कैंसर के लिए हार्मोन थेरेपी के साथ ब्लड कैंसर के उपचार की भी सेवाएं प्रदान की जाएगी. इसे लेकर प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया.
प्रेस वार्ता के दौरान डॉ गुंजेश कुमार सिंह ने बताया कि राज्य से करीब 30 हजार कैंसर के नए मरीज हर साल मिलते हैं. इनमें से अधिकतर अपने इलाज के लिए टीएमएच मुंबई, सीएमसी वेल्लोर सहित अन्य अस्पताल का रुख करते हैं. मेडिका अस्पताल के इस सेवा में कदम रखने के बाद मरीजों को इलाज के लिए कहीं और नहीं जाना होगा. डॉ गुंजेश ने बताया कि पिछले 2 महीनों में जितने भी मरीज मेडिका अस्पताल पहुंचे हैं. अधिकतर यहीं अपना इलाज करा रहे हैं. वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि टीएमएच की स्टडी में पाया गया कि बिहार, झारखंड, बंगाल सहित इलाकों में गोल ब्लैडर कैंसर के मरीज पाए जाते हैं. इस कैंसर का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर सरसों तेल का उपयोग किया जाना है.
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उन्होंने बताया कि जिन इलाकों में सरसों तेल का सेवन नहीं किया जाता वहां गॉलब्लैडर कैंसर के मरीज नहीं मिलते हैं. डॉ गुंजेश ने बताया कि सरसों तेल के स्थान पर ऑलिव ऑयल या रिफाइंड तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि उन्होंने कहा कि यह इस रिसर्च में पुख्ता दावा नहीं किया जा सकता. प्रेस वार्ता के दौरान डॉ अरिंदम मंडल और डॉ अभय कुमार के अलावा आनंद श्रीवास्तव उपस्थित थे.
पिछले 2 महीनों में मिले 15 ब्लड कैंसर के मरीज
डॉक्टरों ने बताया कि सिर्फ मेडिका अस्पताल में पिछले दो महीनों में ब्लड कैंसर के 15 नए मरीज सामने आए हैं. सभी मरीजों का इलाज मेडिका अस्पताल में ही किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मरीजों को इलाज के लिए आयुष्मान भारत और गंभीर बीमारी योजना के तहत मुफ्त में भी इलाज किया जा रहा है. इसके अलावा कीमोथेरेपी भी इस योजना के तहत दी जा रही है. डॉक्टरों ने दावा किया कि राज्य में पुरुषों में मुंह के कैंसर और लंग्स कैंसर के सबसे अधिक मरीज पाए जाते हैं. वहीं महिलाओं में ब्रेस्ट और बच्चेदानी के कैंसर के सबसे अधिक मरीज हैं.
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