Satya Sharan
Ranchi: झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने साल के पहले महीने कई मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार को घेरा और राज्य में प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी पर हमले किये. जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य, शिक्षा और समाज कल्याण के क्षेत्र में कई घोषणाएं की और राज्य सरकार की उपलब्धियों को सामने रखा. वहीं पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पूर्व सीएम रघुवर दास के कार्यकाल के दौरान हुई गड़बड़ियों पर बयान दिये, साथ ही केंद्र सरकार पर राज्य सरकार को सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया. हेमंत और सुप्रियो ने जनवरी के 31 दिन में क्या-क्या बयान दिये पढ़िये…
हेमंत सोरेन के एक महीने के बयान
1 जनवरी- राज्य के अमर शहीदों और अलग राज्य के लिए संघर्ष करने वाले आंदोलनकारियों या उनके आश्रितों को सरकार पेंशन समेत अन्य सुविधाएं दे रही है. उन्हें उनका पूरा हक और अधिकार मिलेगा. इस सिलसिले में झारखंड के अमर शहीदों के आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का अति महत्वपूर्ण निर्णय सरकार ने लिया है.
7 जनवरी- झारखंड में अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, स्वास्थ्य शिक्षा स्थापित करने की दिशा में राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है. स्वास्थ्य क्षेत्रों के कुछ योजनाओं पर सफलता मिली है और कुछ बेहतर कार्य योजना प्रस्तावित भी है. यहां के युवकों मेल नर्सेज के रूप में रोजगार उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता में है. सुदूर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य हो रहा है. राज्य में इंडस्ट्री पॉलिसी के माध्यम से निवेशकों को निवेश के लिए राज्य सरकार द्वारा एक बेहतर संभावना एवं माहौल तैयार की गई है.
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12 जनवरी- कोरोना महामारी के बीच राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास जारी है. स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार हो रहा है. जब महामारी ने पूरी दुनिया में दस्तक दी थी तो कोरोना की जांच की सुविधा तक राज्य में उपलब्ध नहीं थी, लेकिन, आज हर जिले में पीएसए प्लांट लगाये जा चुके हैं. अस्पतालों में लगभग 25 हज़ार बेड उपलब्ध हैं. अब राज्य में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, आईसीयू और वेंटीलेटर की पर्याप्त उपलब्धता है.
13 जनवरी- पिछड़ापन और भौगोलिक क्षेत्र जटिल होने के कारण झारखंड में कोविड टीकाकरण में थोड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन, बेहतर रणनीति बनाकर जांच में तेजी लाने के साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण करने का कार्य तेज गति से चल रहा है. राज्य में अब तक 80% लोगों को पहला टीका लग चुका है, वहीं दूसरा डोज लेने वालों की संख्या 50 प्रतिशत है. राज्य में अब तक 30,000 लोग बूस्टर डोज ले चुके हैं. वहीं पहले जहां राज्य में 30 से 35 हजार सैंपल की जांच होती थी आज 80 हजार कोरोना टेस्ट हो रहा है.
20 जनवरी- झारखंड सरकार फुटबॉल के विकास के प्रति गंभीर है. राज्य की छुपी हुई खेल प्रतिभा को एक मंच देने के उदेश्य से SAHAAY योजना शुरू की गई है, ताकि बेहतरीन खिलाड़ियों का चुनाव किया जा सके. राज्य को फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए नर्सरी बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
26 जनवरी- राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 48 करोड़ रुपए की लागत से रांची में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की स्थापना की जाएगी. इसके साथ मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत लगभग 12 सौ युवाओं को सहायता कर उद्यमी बनाने का सपना सरकार ने पूरा किया है. इस योजना के लिए सरकार ने बजट में एक सौ करोड अतिरिक्त राशि की व्यवस्था करने जा रही है. इस वित्तीय वर्ष में लगभग 22 सौ किलोमीटर सड़कों के राइडिंग क्वालिटी में सुधार तथा मजबूतीकरण और लगभग 600 किलोमीटर सड़क के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण योजना को स्वीकृति दी गई है.
27 जनवरी- झारखंड को हर क्षेत्र की मुश्किलों से बाहर निकालने की जरूरत है. 40% अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों को यहां के बैंक सहयोग नहीं करते हैं. यह राज्य के लिए चुनौतीपूर्ण है. सरकार इसपर चिंतन मंथन कर रही है. क्योंकि यह समय ऑनलाइन और कैशलेस का है. ऐसे में राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों का क्या होगा. इसलिए विशेषज्ञों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं अन्य से सभी के कल्याण के लिए योजना बनाने के लिए सुझावों को जानने का प्रयास किया है.
31 जनवरी- इस बार सरकार का खर्च को बढ़ाने के साथ-साथ संसाधन जुटाने पर जोर है. हमें बेहतर कार्य करना है. राज्य के बेनेफिसरी ओरिएंटेड स्कीम के लिए भी सरकार को राशि की आवश्यकता पड़ेगी. इसके लिए राजस्व संग्रह से संबंधित विभाग बेहतर कार्य करें. विभाग ऐसी व्यवस्था बनायें, जिससे राजस्व संग्रह में नुकसान नहीं हो. राजस्व संग्रह से संबंधित विभाग इस पक्ष पर ध्यान दें.
सुप्रियो भट्टाचार्य के एक महीने के बयान
31 जनवरी- पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास बताएं, शेखर अग्रवाल कौन है. क्यों कोयला कंपनियों में उनके परिजनों को पार्टनरशिप दिया जाता था. सभी जानते हैं कि किस तरह से निजी कंपनियों पर फर्जी केस करा कर रघुवर दास अपना काम साधते थे. अपने कार्यकाल में निजी कंपनियां, जिसे सरकार द्वारा लीज दी गयी थी, उस पर फर्जी केस किया जाता था. इसका स्पष्ट उदाहरण बोकारो की ग्रेड माइनिंग है. उनके शासनकाल में जमीन के नीचे और ऊपर के संसाधनों को कौड़ी के दाम में अडाणी, टाटा को बेच दिया गया.
30 जनवरी- भाजपा राज्य के विकास में सहयोग नहीं दे रही है. राज्य में भाजपा के 16 में से 14 सांसद हैं. इसके बावजूद झारखंड के भाजपा सांसद केंद्र सरकार से झारखंड को अपना हक़ नहीं दिला पा रहे हैं.
11 जनवरी- भात-भात चिल्लाकर भूख से मरने वाली संतोषी को अभी तक राज्य नहीं भूला है. यह तो कोरोना की आपात स्थिति आ गयी, नहीं तो जब भी रघुवर सरकार के कार्यकाल की जांच शुरू होगी, तो घोटालों की लाइन लगने लगेगी. रघुवर दास अपने समय के बेहतर गर्वेंनेंस की बात कर हेमंत सोरेन सरकार के दो सालों की नाकामी बताते हैं. यह तो पूरे राज्य की जनता ने देखा था कि किस तरह कोरोना काल में दीदी किचन योजना, थाने में खाना खिलाने की योजना से हर जगह लोगों को राहत पहुंचायी गयी. कोई भी आपदा में भूखे नहीं मरा.
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6 जनवरी- बीजेपी के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य पार्टी नेताओं के कार्यक्रम में जब भी कुर्सियां खाली रह जाती हैं, तो अपने संभावित हार को देख उनके नेता हर तरह के राजनीतिक हथकंडा अपनाती है. ऐसे में उनकी सलाह है कि आगामी दिनों से भाजपा के स्टार प्रचारकों के कार्यक्रम में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की उपस्थित सुनिश्चित कराएं. उनरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार सभाओं न्यूनतम 5000, दूसरे स्टार प्रचारक अमित शाह के कार्यक्रम में न्यूनतम 3000 और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यक्रम में न्यूनतम 1000 और केंद्रीय नेताओं के चुनावी कार्यक्रमों में न्यूनतम 500 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की उपस्थित सुनिश्चित कराई जाएगी.