Satya Sharan
Ranchi: झारखंड में कांग्रेस पार्टी ने साल के पहले महीने कई मुद्दों को लेकर मुखर रही. जनवरी महीने में प्रदेश कांग्रेस में काफी उथल-पुथल मचा रहा. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर दिल्ली से डरो मत, लड़ो का मूल मंत्र लेकर लौटे. वहीं सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के मंत्री रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम सरकार की उपलब्धियों को लेकर मुखर रहे. राज्य में प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी पर हमले जारी रहे. मार्च तक पंचायत चुनाव कराने की बात कही गई. राजेश ठाकुर, रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम ने जनवरी के 31 दिन में क्या-क्या बयान दिये पढ़िये…
राजेश ठाकुर के एक महीने के बयान
30 जनवरी- गोली चलने की घटना के बाद प्रशासन द्वारा मोरहाबादी मैदान खाली करने के लिए दिया गया आदेश गलत है. सीएम से बात कर इसका हल निकाला जायेगा.
28 जनवरी- दिल्ली से राहुल गांधी से ‘डरो मत, लड़ो’ का मूल मंत्र को लेकर आ गये हैं. इसी मूल मंत्र के तहत काम होगा.
25 जनवरी- कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के नेतृत्व में सच्चाई की लड़ाई लड़ रही है. वह सिर्फ बहादूरी से ही लड़ी जा सकती है. इसके लिए हिम्मत और ताकत चाहिए. आरपीएन सिंह का पार्टी छोड़ने का फैसला स्वार्थ से भरा अव्यवहारिक और गलत निर्णय है. कांग्रेस पार्टी किसी व्यक्ति विशेष की वजह से नहीं अपनी विचारधारा से एवं हमारे जैसे लाखों कार्यकर्ताओं की वजह से चलती है.
23 जनवरी- कांग्रेस पार्टी हमेशा आदिवासियों की हितैषी रही है. आजादी के बाद से ही आदिवासियों के हितों में सीएनटी एक्ट, आरक्षण, उत्पीड़न निषेध कानून, वनाधिकार कानून जैसे कई कानूनों को लागू कराया. इसलिए आदिवासी कांग्रेस के नेताओं की जिम्मेदारी बनती है कि राज्य में इन कानूनों का अनुपालन पूरी सख्ती से किया जाए.
18 जनवरी- प्रदेश कांग्रेस ने प्रोजेक्ट शक्ति अभियान को सफलता पूर्वक सम्पन्न किया है. ठीक वैसे ही हम झारखंड में ऑफलाइन एवं डिजिटल मोड की सदस्यता अभियान को सफल बनाएंगे.
18 जनवरी- कोरोना के कारण पंचायत चुनाव में विलंब हुआ. पंचायत चुनाव कराना सरकार की संवैधानिक बाध्यता समझती है. मार्च तक राज्य में पंचायत चुनाव करा लिया जाएगा.
रामेश्वर उरांव ने जनवरी महीने में क्या-क्या कहा
29 जनवरी- डीवीसी केंद्र सरकार का उपक्रम है. उसे केंद्र सरकार ने राज्य के खिलाफ एक टूल बनाकर इस्तेमाल किया. केंद्र राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए बिजली कटवा रही है.
23 जनवरी- गुमला शहर की लाइफलाइन बाइपास सड़क नहीं बनना चिंता की बात है. इस संबंध में वे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर बाइपास सड़क की स्थिति से अवगत करायेंगे.
27 जनवरी- पहले टुकड़े-टुकड़े में सलाह लिए जाते थे, लेकिन बजट 2022-23 के लिए विशेषज्ञों से लेकर आम लोगों से सुझाव लिया गया है. सरकार ने संक्रमण काल में जीवन और जीविका के लिए कार्य किये हैं. बजट में राजस्व और खर्च को लेकर प्राथमिकता तय होती है.
19 जनवरी- कोरोना संक्रमण काल में वैज्ञानिक आधार पर स्कूलों को खोलने पर निर्णय होना चाहिए. इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि बच्चों की पढ़ाई बर्बाद ना हो. विकास की पहली सीढ़ी शिक्षा ही होती है और वे इस बात के पक्षधर हैं कि उचित समय देखकर स्कूलों को खोलने पर निर्णय लिया जाए.
14 जनवरी- राजस्व संग्रहण में पहले की सरकारों ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. अगर ध्यान दिया जाता तो राजस्व संग्रह ज्यादा हो सकता था. सरकार का उद्देश्य अगर योजनाओं के लिए खर्च करना है तो राजस्व बढ़ाना भी सरकार की ही जिम्मेदारी है. बिहार और ओडिशा में राजस्व संग्रहण का अध्ययन किया जा रहा है, झारखंड में भी राजस्व संग्रहण के क्षेत्र में काफी संभावनाएं है.
14 जनवरी- वैसे चार लाख राशन कार्ड धारी जिन्होंने पिछले आठ-दस महीने में राशन का उठाव नहीं किया है उनका कार्ड निरस्त किया जाएगा. लगभग एक लाख लोगों का राशन कार्ड कैंसिल किया गया है.
12 जनवरी- गोड्डा-पीरपैंती रेलवे लाइन को लेकर सरकार गंभीर है. गोड्डा-महागामा-पीरपैंती रेलवे परियोजना में पुराने एलायमेंट में काम शुरू किया जाएगा. सरकार इसके लिए राज्यांश जारी करेगी.
11 जनवरी- टाना भगत समुदाय के लोगों ने देश की आजादी के लिए विभिन्न आंदोलनों में प्रमुखता से भाग लिया है, लेकिन उन्हें सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था. हेमंत सरकार टाना भगतों को विकास योजनाओं से आच्छादित करने हेतु कटिबद्ध है.
आलमगीर आलम ने जनवरी में क्या-क्या बोला
29 जनवरी- सरकार ने कोरोना काल में बेहतर काम किया है. झारखंड में जब प्रवासी मजदूर जब वापस लौट कर आये तब सरकार के द्वारा कयी नई योजनाओं की शुरुआत कर जनता को राहत पहुंचाने का काम किया. अब जनउपयोगी योजनाएं शुरू कर राज्य के समृद्धि के लिए हर मुमकीन कोशिश की जा रही है. जनता से किये वादों को पूरा किया जाएगा.
26 जनवरी- रोजगार सृजन के मामले में ग्रामीण विकास विभाग ने पिछले सारे रिकॉड तोड़ डाले. मानव दिवस सृजन के मामले में वर्तमान वित्तीय वर्ष में 885 लाख अनुमोदित मानव दिवस के विरुद्ध अब तक कुल 927.27 लाख मानव दिवस का सृजन करते हुए कुल 2037 करोड़ रुपए राशि का व्यय किया जा चुका है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में 11.50 करोड़ मानव दिवस का सृजन कर रिकॉर्ड बनाया गया.
23 जनवरी- 15 फरवरी के बाद कभी भी झारखंड में पंचायत चुनाव कराने की घोषणा कर दी जायेगी. चुनाव को लेकर होने वाले आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर दी गई हैं. सरकार इस वित्तीय वर्ष के अंत यानी मार्च तक चुनाव करा देने के लिए कृतसंकल्पित है.
17 जनवरी- बरहड़वा में खुला राइस मिल यह यहां किसानों के लिए वरदान साबित होगा. यहां के किसानों को अब बिचौलिया के पास धान बेचने की जरूरत नहीं पड़ेगी. धान की फसल तैयार होने के बाद राज्य सरकार सरकारी दर पर उसकी खरीदारी करेगी. शेष धान को किसान इस राइस मिल में लाकर बेच सकेंगे.
4 जनवरी- अगर कोरोना संक्रमण नियंत्रण में रहा तो मार्च 2022 से पहले झारखंड में पंचायत चुनाव करा लिया जाएगा. कोरोना महामारी के कारण इसे समय पर नहीं कराया जा सका. 05 जनवरी 2022 से मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम शुरू हो जाएगा. इसी महीने मतदान केंद्रों को भी चिह्नित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.