Dinesh Kumar Pandey
Bokaro : जिले में उत्पाद विभाग राजस्व प्राप्ति के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. उत्पाद विभाग की टीम ने बीते 6 माह में 7.59 लाख जुर्माना वसूला है. टीम ने 409 एफआईआर दर्ज की है. वहीं 24 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. हालांकि अभी भी 38 लोग उत्पाद विभाग की टीम के गिरफ्त से बाहर हैं. उत्पाद विभाग की टीम ने 6 महीने में 56,87,867 रुपये राजस्व वसूली की है. छापेमारी के दौरान टीम ने करीब 25,000 अवैध शराब के बोतल अलग-अलग शराब विक्रेताओं के पास बरामद किये हैं. (पढ़ें, सौरव गांगुली BCCI से बाहर क्या हुए… पश्चिम बंगाल की राजनीति में उबाल, टीएमसी और भाजपा में छिड़ा वाक् युद्ध)
अक्टूबर माह में 8 फीसदी राजस्व वसूली का लक्ष्य
बता दें कि राज्य सरकार ने बोकारो उत्पाद विभाग के लिए एक साल का 145 करोड़ राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया है. उत्पाद विभाग को हर माह अलग-अलग लक्ष्य दिया गया है. अक्टूबर माह के लिए राजस्व वसूली का लक्ष्य 8% निर्धारित किया गया है. इसी दिशा में उत्पाद विभाग लगातार छापेमारी कर रही है. टीम ने घटिया शराब बिक्री ना हो इसके लिए विशेष कार्ययोजना भी तैयार किया है. उत्पाद विभाग ने अवैध शराब कारोबारियों की सूची भी तैयार की है.
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विगत छह माह में उत्पाद विभाग की कार्रवाई
वार्षिक राजस्व का लक्ष्य | 145 करोड़ |
राजस्व प्राप्ति | 56,87,867 |
जुर्माना से प्राप्त राजस्व | 7,60,000 |
कुल प्राथमिकी | 409 |
गिरफ्तारी | 24 |
फरार अभियुक्त | 38 |
देशी शराब दुकानों की संख्या | 25 |
विदेशी शराब दुकानों की संख्या | 38 |
कांपोजीट शराब दुकानों की संख्या | 20 |
नष्ट किये गये भट्ठी | 133 |
होटलों में अधिक होती है छापेमारी
हाईवे के किनारे स्थित होटलों में अवैध शराब धड़ल्ले से बिकती है. उत्पाद विभाग की टीम इन होटलों को चिन्हित कर छापेमारी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान वसूला गया जुर्माना की अधिकांश राशि होटलों से ही प्राप्त हुई है.
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कस्बाई इलाकों में बनाये जा रहे हैं महुआ निर्मित शराब
बोकारो जिले के कसमार,पेटरवार,चंदनकियारी,फुसरो,नावाडीह अवैध शराब निर्माण का हब है. सुदूरवर्ती इलाके के गांवों में महुआ निर्मित शराब बनता और बिकता है. इन इलाकों में भारी पैमाने पर शराब चुलाई जाती है. जिसे कुछ स्थानीय सफेदपोशों का संरक्षण प्राप्त है. सहायक उत्पाद आयुक्त अरविंद कुजूर ने बताया कि अवैध शराब के प्रमाणिक नहीं होते हैं. इसलिए यह जानलेवा होता है. अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ अभियान चलये जा रहे हैं.
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