Ranchi : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा के कार्यों में इजाफा को देखते हुए भारत सरकार से 25,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि की मांग की थी. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, यह राशि नवंबर के दूसरे सप्ताह तक आवंटित होने की उम्मीद की जा रही है. इस प्रकार अब इस वित्तीय वर्ष का कुल मनरेगा बजट 98000 करोड़ हो जायेगा. वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के लिए 73,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी. मनरेगा योजना में अब तक करीब 54,000 करोड़ रुपये राज्यों को आवंटित किए जा चुके हैं. योजना के तहत करीब 181 करोड़ का कार्य सृजित किया गया है. मनरेगा योजना में अतिरिक्त राशि के लिए केन्द्र सरकार को संसद के शीतकालीन सत्र में मंजूरी लेनी होगी. सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में पेश की जाने वाली अनुदान मांगों के तहत अतिरिक्त कोष आवंटन के लिए संसद की मंजूरी लेगी. केन्द्र सरकार की पहल का झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने स्वागत किया है.
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बजट में सरकार ने की थी 25 हजार करोड़ की कटौती
वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार ने मनरेगा फंड में 25 हजार करोड़ रुपये की कटौती की थी. वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा का कुल बजट 1लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का था. यह योजना पहले चरण में दो फरवरी 2006 से देश के 200 सबसे पिछड़े जिलों में लागू की गई थी, बाद में इसे एक अप्रैल, 2007 से 113 और 15 मई 2007 से 17 अतिरिक्त जिलों तक बढ़ा दिया गया था. शेष जिलों को एक अप्रैल, 2008 से अधिनियम के तहत शामिल किया गया था. अधिनियम में अब देश के सभी ग्रामीण जिले शामिल हैं.
केन्द्र सरकार की पहल स्वागत योग्यः आलमगीर आलम
झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा, केंद्र सरकार की ओर से मनरेगा योजना में 2500 करोड़ रुपया वृद्धि के संकेत का हम स्वागत करते हैं. इससे ग्रामीण क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार सृजित होंगे. झारखंड जैसे राज्यों को इसका लाभ मिलेगा. आलमगीर ने कहा कि हम पलायन रोकने के लिए अधिक रोजगार सृजन करने में सक्षम होंगे. ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजन के साथ-साथ संपत्ति का भी सृजन होगा. हम मजबूती के साथ सुखाड़ का भी मुकाबला करेंगे. केंद्र सरकार राशि बढ़ोतरी करती है, तो यह स्वागत योग्य कदम है.
राज्यों को जारी करने के लिए राशि तुरंत हो आवंटितः जेम्स हेरेंज
झारखंड नरेगा वॉच के संयोजक जेम्स हेरेंज ने मनरेगा के लिए अतिरिक्त धन की मांग के कदम का स्वागत किया. उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि, योजना के तहत राज्यों को जारी करने के लिए राशि तुरंत आवंटित की जानी चाहिए, इन दिनों रोजगार गारंटी योजना एक गंभीर संकट का सामना कर रही है. जिससे देशभर में गरीबों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है. केन्द्र सरकार की इस पहल से राज्य के मनरेगा मजदूरों को राहत मिलेगी. मनरेगा का उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना है. उक्त योजना प्रत्येक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों की मजदूरी की गारंटी प्रदान करता है.
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