Chaibasa (Sukesh kumar) : झारखंड सरकार ने क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा को नियुक्ति में अनिवार्य विषय बनाने की घोषणा की थी. इन भाषा पर खूब सियासत भी की गई थी. लेकिन कई विश्वविद्यालय में क्षेत्रीय भाषा के स्थायी शिक्षक नहीं है. परिणामस्वरूप कोल्हान विश्वविद्यालय में अब क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा के छात्र छात्राएं पीएचडी करने से वंचित हो जायेगें. यह प्रतिक्रिया झारखंड प्रदेश तृणमूल युवा कांग्रेस अध्यक्ष सन्नी सिंकु ने दी है. जबकि झारखंड के सभी विश्वविद्यालय में इस क्षेत्र में क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा की बहुलता है.
इसे भी पढ़ें :जमशेदपुर : साकची में टेंपो की ठोकर से स्कूटी सवार घायल
स्थाई नियुक्ति की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए
बहुलता के आधार पर उन विश्वविद्यालय में उस क्षेत्र के क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा विभाग की स्थापना, सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना करने की मांग दो वर्ष पूर्व ही मुख्यमंत्री और राज्यपाल को झारखंड प्रदेश तृणमूल युवा कांग्रेस की ओर से लिखित रूप में की गई थी. ताकि झारखंडी भाषा का विकास सुरक्षा और संवर्धन किया जा सके. पर झारखंड सरकार ने सिर्फ क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा पर लुभावन घोषणा ही की है. उसे स्वरूप देने में विफल साबित हुई है. सरकार की ओर से उल्लेखित भाषा विभाग में स्थाई नियुक्ति की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए. वरना झारखंडी भाषा के विकास, सुरक्षा के व्यापक हित में झारखंड प्रदेश तृणमूल युवा कांग्रेस आंदोलन करने के लिए विवश होगी.
इसे भी पढ़ें :जमशेदपुर : बिरसानगर में फायरिंग