Adityapur (Sanjeev Mehta) : सरायकेला जिले में एक ओर जहां सड़क सुरक्षा सप्ताह और जागरुकता कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं वहीं दूसरी ओर जिले में सातवीं सड़क दुर्घटना घटित होना जिला प्रशासन के कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. शुक्रवार देर रात टाटा कांड्रा मुख्य मार्ग पर टोल ब्रिज के समीप एक खड़े ट्रक से टकराकर बाइक सवार युवक की मौत हो गई. युवक कदमा का रहने वाले था. बता दें कि सरायकेला जिले में सड़क दुर्घंटना थमने का नाम नहीं ले रहा है.
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स्ट्रीट लाइट की बिजली काट दी गई है
टाटा कांड्रा मुख्य मार्ग पर सड़क के किनारे अंधेरा छाया रहता है इससे सड़क पर खड़ी गाड़ियां लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं. दूसरी ओर मुख्य सड़क के सारे स्ट्रीट लाइट की बिजली काट दी गई है इसकी वजह बिल का भुगतान नहीं करना बताया जा रहा है. जिसकी वजह से स्टेट हाईवे के मुख्य सड़क पूरी तरह से अंधेरे में डूबे रहते है. इसके लिए जिम्मेवार अधिकारी इस ओर ध्यान देना बिल्कुल ही छोड़ चुके हैं. जिससे रात के समय अनगिनत सड़क दुर्घटनाओं का दौर जारी है, जिसमें किसी के हाथ पांव टूट रहे हैं, सिर फट रहे हैं तो किसी की जान भी जा रही है.
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युवक कदमा से जेएमटी की ओर जा रहा था
वहीं तीसरी ओर परिवहन विभाग और जिला प्रशासन सड़क सुरक्षा सप्ताह के नाम पर खानापूर्ति में जुटी है. बीती रात टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर आदित्यपुर ऑटो क्लस्टर के समीप दर्दनाक सड़क हादसे में गई युवक की पहचान राजू कुमार के रूप में हुई है, जो जमशेदपुर के शास्त्रीनगर कदमा का रहनेवाला बताया जा रहा है. हेलमेट पहनने के बाद भी युवक की जान चली गई जो यह दर्शाता है कि घटना बेहद दर्दनाक थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार बाइक सवार युवक जमशेदपुर के कदमा से जेएमटी की ओर जा रहा था. अंधेरे में सड़क के किनारे खड़े ट्रेलर में पीछे से टक्कर मार दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. जबतक अन्य राहगीर जुटते और पुलिस पहुंचती ट्रेलर चालक ट्रेलर सहित मौके से भाग निकला. देर रात सूचना मिलने पर पहुंची आदित्यपुर पुलिस ने युवक के शव को कज्बे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. युवक की पहचान उसके जेब में रखे पहचान पत्र में लिखे नम्बर से हुई है. जिसके बाद पुलिस ने परिजनों को सूचना दी.
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सड़क सुरक्षा सप्ताह में सातवीं मौत
बता दें कि जिला परिवहन विभाग की ओर से सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है. जिसके तहत सड़क सुरक्षा जागरुकता रथ सड़कों पर घूम-घूमकर लोगों को जागरूक कर रही है वहीं दूसरी ओर लोग केवल तोते की तरह रट तो रहे हैं लेकिन उसपर अमल नहीं कर रहे हैं. लिहाजा प्रतिदिन सड़क दुर्घंटना घटित हो रही है. पिछले तीन दिनों में सड़क दुर्घटनाओं में सात लोगों की जान चली गई है जो यह दर्शाती है कि सड़क सुरक्षा सप्ताह महज एक खानापूर्ति है.
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क्या जेआरडीसीएल भी जिम्मेदार ?
बता दें कि जिले की अधिकतर सड़कें टोल रोड है. जिसे झारखंड एक्सलरेटेड रोड डवलपमेंट एजेंसी ने बनाई है, जिसे 17 वर्षों तक सड़कों का रख रखाव करना है, मगर सड़क पर पिछले एक साल से अंधेरों का साम्राज्य है. सड़क पर लगे स्ट्रीट लाइट महज दिखावटी बनकर रह गए हैं. सड़कों के किनारे बड़े वाहनों की पार्किंग होती है जिसे देखने वाला कोई नहीं है, लिहाजा इन खड़ी गाड़ियां में अंधेरे के कारण बाइक सवार को वाहन नजर नहीं आते हैं जिससे आए दिन लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं और अपनी जान गंवा रहे हैं.
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