Adityapur (Sanjeev Mehta) : अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिला शिक्षा अधीक्षक के पत्रांक संख्या 600 किचन स्टोर की मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण संबंधी आदेश पर आपत्ति जताते हुए पुनर्विचार की मांग को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक सरायकेला को एक मांग पत्र सौंपा है. संघ ने मांग पत्र के माध्यम से कहा कि इस विभागीय योजना के क्रियान्वयन के लिए किसी को ठेकेदार के रूप में चिन्हित नहीं किया गया है तथा योजना में संवेदक को दी जाने वाली वित्तीय लाभ का प्रावधान भी नहीं है. ऐसी स्थिति में प्रभारी शिक्षक आर्थिक जोखिम क्यों लेंगे? अपने पारिवारिक खर्च, बच्चों की उच्च शिक्षा तथा गृह निर्माण बैंक लोन आदि के भुगतान के पश्चात महीने के अंत में शिक्षकों के बैंक खाते में ना के बराबर राशि शेष बचती है. ऐसी स्थिति में शिक्षक योजना के क्रियान्वयन के लिए पैसा कहां से लगाएंगे.
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सकारात्मक पुनर्विचार नहीं हुई तो आंदोलन के लिए होंगे बाध्य
साथ ही वर्तमान व्यवस्था में योजना क्रियान्वयन के पश्चात राशि की विमुक्ति के दौरान भ्रष्टाचार की प्रबल संभावना बनी रहेगी. प्रभारियों को अपनी जमा पूंजी की वापसी के लिए विद्यालय का शिक्षण कार्य को छोड़कर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, कनीय अभियंता तथा जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालयों का चक्कर काटना मजबूरी हो जाएगा. शिक्षक संघ ने उक्त कार्य के निष्पादन में संभावित परेशानियों को देखते हुए प्रासंगिक पत्र पर आपत्ति जताते हुए पुनर्विचार हेतु मांग की है. साथ ही चेतावनी दिया है, कि सकारात्मक पुनर्विचार ना होने की स्थिति में शिक्षक लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन के लिए मजबूर होंगे. ज्ञापन सौंपने वालों में प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक दत्ता, जिला अध्यक्ष मानिक प्रसाद सिंह, महासचिव सुदामा मांझी, उपाध्यक्ष मनोज सिंह, देवेंद्र नाथ साहू, संगठन सचिव बलराज हांसदा, सोमेन दास आदि शिक्षक शामिल रहे.