Adityapur (Sanjeev Mehta) : लोक आस्था का चार दिवसीय चैती छठ महापर्व शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ. व्रतियों ने तालाब व घरों में स्नान कर अरवा चावल का भात, चने की दाल व कद्दू की सब्जी प्रसाद के रूप में ग्रहण किया. इसे प्रसाद स्वरूप परिवार के सदस्यों, संबंधियों व पड़ोसियों में भी बांटा. चैती छठ को लेकर विभिन्न क्षेत्रों में छठ के गीत गूंज रहे हैं. व्रतियों द्वारा गाए जा रहे छठ गीतों से इस समय पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है. वहीं 26 मार्च रविवार को व्रती खरना करेंगे और 27 मार्च सोमवार के दिन अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा. 28 मार्च मंगलवार को उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही महापर्व का समापन हो जाएगा.
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इधर, वार्ड 17 की पार्षद नीतू शर्मा अपने वार्ड की सुख शांति के लिए शनिवार को नहाय खाय का व्रत रखकर चार दिवसीय चैती छठ का संकल्प लिया. उन्होंने बताया कि आज से इस पर्व की शुरुआत हो गई है. नहाय खाय के दिन बने प्रसाद में लहसुन-प्याज पर प्रतिबंध होता है. छठ व्रती प्रसाद बनाने के बाद सबसे पहले भगवान सूर्य की आराधना करते हैं उसके बाद नहाय खाय का प्रसाद ग्रहण करते हैं. उन्होंने कहा कि खरना की तैयारी में वे अभी से ही लग गई हैं जबकि अर्घ्य के लिए गेहूं आदि चुनने का कार्य भी वह कर रही हैं.
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