Adityapur (Sanjeev Mehta) : नगर निगम समेत राज्य के 48 नगर निकायों में चुनाव की अधिसूचना आजकल में जारी होनी है. संभवत: नवंबर या दिसंबर में चुनाव भी होने हैं. लेकिन अफसोस आदित्यपुर नगर निगम 15वें वित्त आयोग से मिले अपने पहले फंड 13 करोड़ 75 लाख की योजनाओं को धरातल पर नहीं उतार सका है. वहीं, इस बात को लेकर पार्षदों में भारी नाराजगी देखी जा रही है. चूंकि पार्षदों को उम्मीद थी कि उनके वार्डों में विकास योजनाएं धरातल पर उतरेगी तो उन्हें आगामी चुनाव में अपनी जनता से दोबारा वोट मांगने में शर्मिंदगी महसूस नहीं होगी. लेकिन यह सब धरा का धरा रह गया.
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15वें वित्त आयोग की पहली किस्त के रूप में 13 करोड़ 75 लाख रुपए का मिला फंड
एक वर्ष पूर्व निकाली गई करीब 16 करोड़ की योजनाओं का क्रियान्वयन अब तक नहीं हो सका है. 15वें वित्त आयोग के फंड से नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में 11 सामुदायिक भवन, 4 पार्क, 2 छठ घाट, एक शेल्टर होम व एस टाइप दुर्गा पूजा मैदान का सौंदर्यीकरण होना था, जो अब तक अधूरा रह गया है. विदित हो कि नगर निगम को 15वें वित्त आयोग की पहली किस्त के रूप में 13 करोड़ 75 लाख रुपए का फंड मिला है. इस फंड से नगर निगम की कई बड़ी योजनाओं को मूर्त रूप देने की योजना थी.
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कई वार्डों में 41.97 लाख रुपए से सामुदायिक भवन का होना है निर्माण
15वें वित्त आयोग के फंड से धरातल पर उतरने वाली बड़ी योजनाओं में वार्ड-17 का प्रभात पार्क व वार्ड-18 का नेताजी सुभाष पार्क समेत वार्ड 3, 6, 9, 10, 22, 23, 25 व 35 में 41.97 लाख रुपए से सामुदायिक भवन का निर्माण होना है. इसके अलावा वार्ड 5, 6, 18 व 31 में पार्क का निर्माण होना है. वहीं, वार्ड-12 में टोल ब्रिज के नीचे और वार्ड-34 में बाबा कुटी में अतिरिक्त छठ घाट का निर्माण होना तय हुआ है. साथ ही वार्ड-28 में 79.21 लाख से शेल्टर होम और वार्ड-22 के एस टाइप दुर्गा पूजा मैदान का सौंदर्यीकरण 89.47 लाख की लागत से किया जाना है.
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अकेले वार्ड-29 में 1.37 करोड़ की योजना
15वें वित्त आयोग के फंड से पार्षद विहीन वार्ड-29 में अकेले 1.37 लाख रुपए की योजना धरातल पर उतारने की योजना थी. यहां पर चुनाव में मेयर अपने पुत्र की उम्मीदवारी की इच्छा जता चुके हैं. यहां की स्वीकृत योजनाओं में ईडब्ल्यूएस फ्लैट में वर्षों से जमे कचरे की विशेष सफाई के अलावा महावीर नगर में करीब एक दर्जन पेवर्स ब्लॉक सड़कें, नाली आदि कार्यों को धरातल पर उतारा जाना है.
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योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है : पार्षद
इस मामले में वार्ड-17 की पार्षद ने कहा कि अब तो आजकल में चुनाव की घोषणा होनी है. पहले ही सभी वार्डों को 50-50 लाख रुपये की योजना का सब्जबाग दिखाकर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. वार्ड-17 की सबसे महत्वपूर्ण योजना जेपी नगर के करीब 4000 परिवारों के लिए वन भूमि पर सड़क का निर्माण होना है. इसे लेकर वन विभाग ने तो जमीन की मापी कराकर नक्शा तैयार कर नगर निगम को भेज दिया, लेकिन नगर निगम ऑफिस इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही है. वहीं, 15वें वित्त की राशि से जो प्रभात पार्क में सामुदायिक भवन बनना था, वह भी ठंडे बस्ते में ही रह गया. हम पार्षदों के साथ नगर निगम कार्यालय की यह निष्क्रियता है.
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अतिक्रमण के कारण योजनाओं को धरातल पर उतारने में हो रही समस्या : सहायक अभियंता
वहीं, इस संबंध में नगर निगम के सहायक अभियंता विनोद कुमार ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया में समय लग रहा है. कुछ बड़ी योजनाओं का टेंडर सिंगल होने की वजह से रीटेंडर की प्रक्रिया में है. कुछ योजनाओं का टेंडर भी हुआ है. यहां तो सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण का है, जिसके वजह से योजनाओं को धरातल पर उतारने में समस्या हो रही है. 15वें वित्त आयोग की सभी योजनाएं पाइप लाइन में हैं, धरातल पर जरूर उतरेगी. प्रयास है कि अधिसूचना जारी होने से पूर्व शिलान्यास करवा दें, तब चुनाव के दौरान भी योजनाएं चलती रहेगी.
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