Adityapur (Sanjeev Mehta) : शुक्रवार की सुबह सुहागिन महिलाएं पूजा की थाल सजाकर पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य के लिए वट सावित्री का पूजन की. हर वर्ष की तरह इस बार भी जेष्ठ माह की अमावस्या को महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के यह व्रत रखी. महिलाओं ने बताया कि वो दिनभर बिना कुछ खाए पिए अपने पति सलामती की कामना करती हैं और अपने दाम्पत्य जीवन में खुशहाली की प्राथना करती हैं. पंडित पुजारी के अनुसार वट सावित्री का शुभ मुहूर्त 18 मई की रात 9 बजकर 42 मिनट पर शुरू होकर और 19 मई की रात 9 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगा.
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पुजारी ने बताया कि ये पूजा उदयातिथि के अनुसार की जाती है इसलिए ये व्रत 19 मई को ही रखा जाएगा और अगले दिन यानी 20 मई को इसका समापन होगा. उन्होंने बताया कि इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और दाम्पत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. इस दिन वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. मान्यता है कि वट की पूजा करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं और दाम्पत्य जीवन में कभी समस्या नहीं आती.
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आदित्यपुर के कई स्थानों पर सुहागिन महिलाओं को अहले सुबह बरगद के पेड़ के नीचे बांस की टोकरी में 7 तरह के अनाजों को भरकर उसमें ब्रह्मा जी की मूर्ति या फोटो के साथ पूजन करती देखी गई. महिलाओं ने वट वृक्ष पर जल, कुमकुम, अक्षत, फूल और मिठाई चढ़ाई. इसके बाद सूत के धागे को बरगद के पेड़ से बांधकर 7 बार परिक्रमा कर उसे पेड़ में बांध दी. ततपश्चात पुजारी से देवी सावित्री की कथा सुनी और चने व गुड़ का प्रसाद बांटी.