Adityapur : वित्तीय वर्ष 2022-23 में किसानों की आय में वृद्धि के लिए कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने की रणनीति बनाई जा रही है. इसके लिए एफपीओ के माध्यम से व्यावसायिक विविधता द्वारा कृषि और संबंधित गतिविधि के लिए उत्पादकता लागत में कमी आएगी. साथ ही किसान अपनी उपज का उचित मूल्य सीधे तौर पर बाजार से प्राप्त कर पाएंगे. जिले में संभावित ऋण योजना तैयार करते हुए राष्ट्रीय प्राथमिकताओं, भारत सरकार और राज्य सरकार की नीतियों और जिला में उपलब्ध भौतिक संसाधनों एवं संभावनाओं का ध्यान रखा जा रहा है. नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सिद्धार्थ शंकर ने बताया कि सरायकेला-खरसावां जिले का वर्ष 2022-23 की संभावित ऋण योजना का लक्ष्य 1205.85 करोड़ रुपए का है. इसमें फसल उत्पादन, रख-रखाव और विपणन के अंतर्गत 201 करोड़, कृषि सावधि ऋण 114 करोड़, कृषि सम्बंधित आधारभूत संरचनाए और अनुषंगी गतिविधियां के लिए 9.50 करोड़, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग के लिए 723 करोड़, शिक्षा ऋण 22 करोड़, आवास ऋण 53 करोड़ रुपए शामिल हैं.
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उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान जिले में प्राथमिक क्षेत्र के लिए 808 करोड़ का ऋण दिया गया था. जारी वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1085 करोड़ के ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे 31 मार्च 2022 तक पूरा करना है. उन्होंने कहा कि जिले के सभी बैंकों को सभी योग्य पीएम किसान लाभुक किसानों को केसीसी ऋण देने के लिए निरंतर सार्थक प्रयास करने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एग्रिकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के अंतर्गत किसानों, किसान समूहों, स्वयं सहायता समूहों, कृषि उद्यमी और स्टार्टअप आदि पर 2022-23 में विशेष बल देने का लक्ष्य है. इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक योग्य किसानों को केसीसी ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. जिले के डीसी ने पीएम किसान के योग्य लाभुकों को प्रथम प्राथमिकता देने को कहा है. किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 के द्वितीय तिमाही सितंबर 2021 तक बैंकों द्वारा 13175 किसानों को लगभग 60.78 करोड़ का केसीसी का लाभ दिया गया है. डीसी ने समीक्षा बैठक में नाबार्ड के कार्य योजना को संतोषजनक बताया है.