Ranchi: मंगलवार (11 जनवरी) को पलामू जिले में एक बड़ा मामला सामने आया. सरकारी क्वार्टर में रहने वाले दरोगा लालजी यादव का शव फांसी के फंदे से लटकता मिला. दरोगा रैंक के पदाधिकारियों के द्वारा आत्महत्या करने का पहला मामला नहीं है. पिछले एक साल के दौरान कई दरोगा रैंक के पदाधिकारियों ने आत्महत्या कर ली है. पुलिस विभाग के अधिकारियों और पुलिस कर्मियों पर मानसिक तनाव इस कदर हावी है कि वे अपनी जान लेने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं.
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पाकुड़ में फंदे से लटकता मिला था दरोगा का शव
पाकुड़ जिला के थानापाड़ा में पदस्थापित 2018 बैच के दारोगा रानू कुमार सिंह ने बीते 08 नवंबर 2020 आत्महत्या कर लिया था. दरोगा का शव उसके क्वार्टर में रात में पंखा से लटकता हुआ मिला था. दरोगा रानू कुमार सिंह मूल रूप से बिहार के सीवान जिला के महाराजगंज थाना क्षेत्र के पटेढ़ा गांव का रहने वाला था. इस मामले में बताया जा रहा था कि दरोगा ने मानसिक तनाव के वजह से फांसी लगाकर आत्महत्या की थी.
दरोगा रूपा तिर्की का कमरे से हुआ था शव बरामद
साहिबगंज जिला की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की ने 3 मई 2021 को अपने आवास में आत्महत्या कर ली थी. पहले इसमें आत्महत्या का केस दर्ज किया गया. बाद में रूपा तिर्की की मां ने इसे हत्या बताया. इस मामले में दो महिला पदाधिकारियों पर आरोप लगाया गया था. रूपा के मोबाइल कॉल डिटेल से पता चला था कि शिव कनौजिया और रूपा के बीच काफी बातचीत होती थी. उसके बाद शिव का नाम सामने आया था. यह मामला काफी चर्चित हुआ, जिसके बाद झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. मामले की जांच जारी है.
निलंबित दरोगा ने थाने में की आत्महत्या
पलामू जिला के नावाबाजार थाना के चार दिन पूर्व निलंबित थाना प्रभारी लालजी यादव ने 10 जनवरी 2022 की रात आत्महत्या कर ली थी. 11 जनवरी की सुबह उनका शव थाना परिसर स्थित क्वार्टर में फांसी के फंदे से झूलता पाया गया. वह झारखंड के साहिबगंज के रहने वाले थे. लालजी यादव के आत्महत्या की सूचना मिलते ही ग्रामीण एकत्र हो गए. जिसके बाद एनएच 98 मेदिनीनगर-औरंगाबाद मुख्य पथ को जाम कर दिया था.
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