Adityapur : नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों द्वारा नेताजी की अस्थि को जापान के रेनकोजी मंदिर से मंगाने के अनुरोध की खबर पर नेताजी सुभाष मंच झारखंड ने आपत्ति जताई है. विदित हो कि बुधवार को मंच के अध्यक्ष पीके नंदी और सदस्य राजू कुमार शर्मा ने कहा कि 26 अप्रैल को कोलकाता के विभिन्न अखबारों में एक खबर छपी है, जिसमें सुभाष चंद्र बोस के परिवार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा किया गया है. इसमें परिजनों द्वारा जापान के रेनकोजी मंदिर में रखी नेताजी की अस्थियों को भारत लाने का अनुरोध किया गया हैं. यहां उनकी पुत्री अनिता पफ द्वारा अंत्येष्टि किया जाएगा. मालूम हो कि इस पर मंच का कहना है कि इतने लंबे समय तक बोस परिवार के वे लोग जो विमान दुर्घटना या दुर्घटना में नेताजी की मृत्यु पर विश्वास नहीं करते थे, आज कैसे उनकी अस्थि को मंगाने का अनुरोध कर रहे हैं.
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पूरे देश में नेताजी के प्रशंसकों में फैला आक्रोश
साथ ही मंच ने आपत्ति जताते हुये कहा कि नेताजी केवल बोस परिवार के नहीं बल्कि पूरे देश के हैं. नेताजी के परिजनों का कहना है कि वे दस्तावेजों को अच्छी तरह से पढ़ने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं. जबकि इस घोषणा से न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि पूरे देश में नेताजी के प्रशंसकों में आक्रोश फैल गया है. बोस परिवार को अच्छी तरह मालूम है कि 18 अगस्त 1945 का विमान दुर्घटना सिर्फ एक अफवाह थी. शाहनवाज कमीशन और खोसला कमीशन का जो रिपोर्ट पेश किया गया था वह बिल्कुल निराधार था. रिपोर्ट में बहुत सारी त्रुटि थी और यह बात 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने सदन में खुद कहे थे. तो क्या सदन में प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने गलत कहा था? सच पूछिए तो सरकार के पास भी कोई खास प्रमाण नहीं है कि नेताजी का प्लेन क्रैश हुआ था.
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