Adityapur (Sanjeev Mehta) : हवा के प्रदूषण को कम करने के लिए नेशनल एयर क्लीन प्रोग्राम पर कार्य शुरू हो गया है. इस अभियान को संचालित करने के लिए 15वें वित्त से फंड मिलेगा. इस अभियान के तहत चुनिंदा जगहों पर हवा की शुद्धता को दर्शाने वाले डिसप्ले लगाए जाएंगे, ड्रोन कैमरों से शहर में उत्सर्जित हो रहे वायु प्रदूषण के कारकों को तलाशा जाएगा. यह जानकारी देते हुए प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी जितेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि इस अभियान का नोडल एजेंसी जेएनएसी को बनाया गया है. जिसके साथ एक बैठक भी हुई है, जिसमें जेएनएसी के साथ प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, ट्रैफिक कंट्रोल डिपार्टमेंट, परिवहन विभाग एवं शहर के सिविल सोसाइटी के लोगों को बुलाया गया था. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का प्रयास है कि हवा में मौजूद धूलकणों और विषैले धुंध को मानक के अंदर यानी 100 मिलीग्राम से कम के स्तर पर लाना.
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122 शहरों में जलाया जा रहा अभियान
उन्होंने बताया कि इसके लिए देश के 122 शहरों का चयन कर वहां हवा की शुद्धता पर अभियान चलाया जा रहा है. झारखंड के तीन शहर इस सूची में शामिल हैं जिनमें जमशेदपुर के साथ राजधानी रांची और धनबाद शामिल है. उन्होंने बताया कि एक सर्वे में वर्ष 2017 में हवा सबसे ज्यादा दूषित पाया गया था. तभी प्रदूषित शहरों की सूची तैयार कर वहां अभियान चलाने का निर्णय लिया गया था. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में हवा की शुद्धता खुद ब खुद अच्छी हो गई थी लेकिन अब फिर से हवा दूषित होने शुरू हो गए हैं.
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कैसे रोकेंगे वायु प्रदूषण
इस अभियान के तहत शहर के चुनिंदा जगहों पर हवा की शुद्धता को दर्शाने वाले डिसप्ले लगाए जाएंगे, ड्रोन कैमरों से शहर में उत्सर्जित हो रहे वायु प्रदूषण के कारकों को तलाशे जाएंगे फिर उसकी रोकथाम के लिए मिलजुल कर प्रयास किया जाएगा.
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