Lagatar Desk: महाशिवात्रि का पर्व 18 फरवरी को देश भर में धूम धाम से मनाया जायेगा. महाशिवरात्रि चतुर्दशी तिथि की शुरुआत- 18 फरवरी 2023 को रात 08 बजकर 02 मिनट से शुरु होगा व चतुर्दशी तिथि का समापन- 19 फरवरी 2023 को शाम 04 बजकर 18 मिनट तक होगा. महाशिवात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से घर में सुख शांति बनी रहती है.
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शिवरात्रि के दिन आजमाएं ये टोटके
आचार्य अजय कुमार मिश्रा
- महादेव दुखो को हरते हैं. अपनी समस्याओं के निवारण के लिए यह बेहद शुभ दिन माना जाता है. अगर आप भी किसी समस्या से पीड़ित हैं तो इस शिवरात्रि अपनाएं ये उपाय-
- शादी विवाह में अड़चन आ रही हो तो शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर केसर मिलाकर दूध चढ़ाएं. मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं. शिवरात्रि पर 21 वेल पत्रों पर चंदन से ओम नमः शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं. शिवरात्रि पर नंदी बैल को हरा चारा खिलाएं. धतूरे की जड़ के प्रयोग करें.
- धतुरे की जड़ को धन संबंधित परेशानियों को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. आप शिवरात्रि के दिन धतूरे की जड़ को अपने बाएं हाथ की कलाई में बांध लें तो आपकी बहुत सारी समस्याओं का समाधान मिल जाएगा.
- यदि आपको किसी से भय लगता हो शिवरात्रि में धतूरे की जड़ को घर में लाकर रख लें. भगवान शिव को शिवलिंग पर चढ़ाकर उसको अपने पास उतार कर ले आएं और उसे अपने भुजापर धारण करें. काला धतूरा अत्यंत फलदायी होता है. ऐसा करने से भय दूर होगा.
- अगर आप न्यायालय संबंधित मामलों पर कोर्ट कचहरी का चक्कर लगा रहे हैं और शत्रु बहुत ज्यादा परेशान कर रहा है तो आप शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को दूध में भांग मिलाकर अभिषेक करें. न्यायालय में विजय की प्राप्ति होगी.
- अगर आप संतान सुख से वंचित हैं तो आप महाशिवरात्रि के दिन अपामार्ग के 108 पत्ते को भगवान शिव को अर्पित करें. सुख समृद्धि और संतान प्राप्ति शीघ्र होगी.
- भगवान शिव को पीपल के पत्ते, धतूरा, भांग, दुर्वा,अकवन चढ़ाने से पितृदोष का नाश होता है.
- भगवान शिव जी और माता पार्वती जी को खीर का भोग लगाते हैं तो शुभ फल की प्राप्ति होती है. ऐसा करने से महिलाओं का सुहाग और सौभाग्य अखंड बना रहता है.
- पति के जन्म नक्षत्र पर किसी वस्तु का दान करने से पति की आयु लंबी होती है.
- अगर आप अपने दांपत्य जीवन को सुखी बनाना चाहते हैं तो अर्धनारीश्वर स्त्रोत का पाठ करें, इससे तलाक जैसी नौबत खत्म हो जाती है.
- दांपत्य जीवन में चल रहे खटास को दूर करने के लिए आप गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण कीजिए.
- अपने दांपत्य जीवन को सुखी बनाए रखना चाहते हैं तो इसके लिए आप अपने घर में पूरे शिव परिवार की स्थापना कीजिए. अकेले शिवलिंग घर में मत रखिए.
- बेरोजगारी दूर करने के लिए लाल या गुलाबी कपड़े पहनकर पत्नी कनकधारा स्त्रोत का पाठ करें. भगवान शिव जी की पूजा के दौरान लाल फूल अर्पित कीजिए.
समस्त व्याधियों का शमन करता महामृत्यंजय मंत्र
आचार्य अजय कुमार मिश्रा
शिवरात्रि के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप लाभ देता है. कुछ खास परिस्थितियों में यह उपाय लाभदायक होता है. ज्योतिष के अनुसार यदि जन्म, मास, गोचर, दशा, अंतर्दशा, स्थल दशा आदि में ग्रह पीड़ा होने का योग हो या किसी महान रोग से पीड़ित हों तो महाशिवरात्रि के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. जमीन जायदाद के बंटवारा होना हो और आपको अपने हिस्से की चिंता हो तो चिंता छोड़ कर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. आपका अधिकार आपको मिलेगा. महामारी की स्थिति में भी महामृत्युंजय मंत्र से लाभ होगा. संपदा जाने या धन हानि की स्थिति में भी मंत्र का जाप लाभप्रद है. मेलापक में नाड़ी दोष हो या फिर राजभय मंत्र का जाप राहत दिलाएगा. अगर आपका मन धार्मिक कार्यों से विमुख हो गया हो तब भी महाशविरात्रि के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करें. राष्ट्र का विभाजन हो गया हो, तब इसका जाप राहत देगा. परस्पर क्लेश की स्थिति में इस मंत्र के जाप की सलाह दी जाती है. इन स्थितियों में महाशिवरात्रि के दिन महामृत्युंजय का जप करना परम फलदाई है. लेकिन इस मंत्र के जप में निम्न सावधानियां रखनी चाहिए.
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इस मंत्र का जप करना हो उस मंत्र का उच्चारण शुद्धता से करें. एक निश्चित संख्या में जप प्रारंभ करके उसका अंत करें. मंत्र का उच्चारण ओठों से बाहर नहीं आना चाहिए. अगर अभ्यास ना हो तो धीमे स्वर में जाप करें. जlप काल में धूप दीप जलते रहना चाहिए. रुद्राक्ष की माला पर ही जप करें. माला को गोमुखी में रखें. जब तक जप संख्या पूर्ण ना हो माला को गोमुखी से बाहर ना निकालें. जप काल में शिव जी की प्रतिमा शिवलिंग या महामृत्युंजय यंत्र पास में रखना अनिवार्य है. महामृत्युंजय जप कुश के आसन पर बैठकर करें. जप काल में दूध मिले जल से शिवजी का अभिषेक करते रहे या शिवलिंग पर चढ़ाते रहे. महामृत्युंजय मंत्र सभी प्रयोग पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके ही करें. ऐसा करने से समस्त व्याधियों और दुखों का समन होता है.
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