Ranchi : निर्मल महतो शहादत दिवस के अवसर आठ अगस्त आजसू पार्टी का सामाजिक न्याय मार्च शुरू होगा. आंदोलन के प्रथम चरण में आजसू पार्टी के नेता और कार्यकर्ता प्रत्येक गांव से हस्ताक्षरयुक्त स्मरण पत्र इकट्ठा कर मुख्यमंत्री को भेजा जायेगा. सामाजिक न्याय मार्च 7 दिनों तक सूबे के 260 प्रखंडों में चलेगा. इस दौरान राज्य के पिछड़ों को गोलबंद करते हुए उनकी मांग को सरकार तक पहुंचायी जायेगी. सत्ताधारी दलों की ओर से आरक्षण को लेकर किये गये वादों की याद दिलायी जाएगी.
झारखंड में पिछड़ों को राष्ट्रीय मानक के आधार पर आरक्षण मिलना संवैधानिक अधिकार से जुड़ा है. आरक्षण सिर्फ आर्थिक नहीं, प्रतिनिधित्व और भागीदारी का भी सवाल है. इस वर्ग का सरकारी व अर्ध सरकारी सेवा और पदों में प्रतिनिधित्व भी बहुत कम है. आजसू ने आरक्षण को लेकर पहले भी कई मंचों पर आवाज मुखर करने के साथ-साथ तर्क और तथ्य के साथ बहस को आगे बढ़ाया है. वर्तमान सरकार ने चुनाव पूर्व यह वादा किया था कि सत्ता में आते ही प्रथम कैबिनेट में पिछड़ों का आरक्षण सुनिश्चित करेंगे. झामुमो महागठबंधन सरकार अपना डेढ़ साल पूर्ण कर चुकी है, लेकिन इसपर कोई चर्चा नहीं हो रही है. आजसू पार्टी के लिए पिछड़ों का आरक्षण कोई चुनावी मुद्दा नहीं है.
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पलामू और धनबाद जिले के 31 प्रखंड के पदाधिकारियों को दिलायी गयी शपथ
मंगलवार को आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने वर्चुअल माध्यम से पलामू और धनबाद जिला के 31 प्रखंड के पदाधिकारियों को शपथ दिलायी .पार्टी की ओर से अबतक 18 जिलों के 196 प्रखंड के पदाधिकारियों को केंद्रीय अध्यक्ष ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाते हुए सीधा संवाद किया गया है.
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जातीय जनगणना को लेकर आजसू ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
जातीय जनगणना को लेकर आजसू ने प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार की नीतिगत फैसला में ST-SC के अलावा अन्य किसी जाति की जनगणना न करने का बात कही गयी है. हाल ही में लोकसभा में इसकी जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी दी थी. पार्टी की ओर से मांग की गयी कि केंद्र सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करे.