Ranchi : पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार में हाईकोर्ट निर्माण में हुई गड़बड़ी की जांच का आदेश मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दे दिये हैं. जांच का जिम्मा एसीबी को दिया गया है. इससे पहले भी सीएम ने पूर्व की सरकार में हुए कई घोटाले की जांच का निर्देश दिये हैं. अब इन घोटालों की बात करते हुए जेएमएम ने बीजेपी पर जोरदार प्रहार किया है. जेएमएम ने कहा है कि पूर्व की सरकार में किये घोटाले एक चेचक बीमारी की तरह है, जिसके दाग कितना भी धो लें, साफ नहीं हो रहा है. बता दें कि हाईकोर्ट निर्माण में घोटाले की जांच का निर्देश सीएम ने गुरुवार को दिया है. उसी दिन प्रदेश बीजेपी कार्यसमिति की भी बैठक हुई थी, जिसमें पार्टी के केंद्रीय स्तर के नेता भी शामिल हुए थे.
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पारदर्शी सरकार कहने वाले जांच से घबरा रहे
पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि पूर्व की सरकार में कई तरह के घोटाले हुए थे. उसकी जांच अब हेमंत सरकार करा रही है, लेकिन यह भी तय है कि चेचक बीमारी जैसे घोटाले की जांच तो अभी सरकार ने शुरू की है. क्योंकि अभी तक राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता कोरोना थी. लोगों का जीवन उसकी जीविका बचाना हमारी प्राथमिकता थी. जो बीजेपी कभी कहती थी कि उनकी सरकार में पारदर्शिता है. वहीं नेता आज जांच से घबरा रहे हैं.
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सहारा देने के लिए केंद्रीय नेतृत्व से जुड़े लगातार कर रहे दौरा
सुप्रियो ने कहा कि आज इस जांच के निर्देश से बीजेपी के प्रदेश नेता इतने डर गये है कि उनके लिए अब केंद्रीय नेता लगातार प्रदेश का दौरा कर रहे हैं. दरअसल ऐसा करके वे बताना चाह रहे हैं कि वे डरे नहीं, केंद्र उनके साथ है. पार्टी के वर्तमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, जो 2014-19 तक मुख्यमंत्री थे, पर हमला बोलते हुए जेएमएम नेता ने कहा, कि जांच के आदेश के डर से भाजपा नेताओं में एक भय का माहौल बन गया है.
घोटालों की लंबी फेहरिस्त समाप्त ही हो नहीं पा रही है
सरयू राय के लिखे दस्तावेज, रहबर की राजहनी में दिये तथ्यों का उल्लेख करते हुए सुप्रियो ने कहा कि किस प्रकार एक विशेष समूह पर लगे 625 करोड़ की पैनल्टी को एक दिन में बदलकर 225 करोड़ कर दिया गया. आज जब यह बात सामने आयी है, तो इससे जुड़े लोगों के पसीने छूटने लगे है. लोग परसों तक कहते थे कि हम केस-मुकदमे से नहीं डरते. वहीं लोग अब कह रहे है कि सरकार पक्षपातपूर्ण होकर कार्रवाई कर रही है. लेकिन ऐसा कहने से पहले वे यह भूल गये कि पूर्व की सरकार में घोटाले की एक लंबी फेहरिस्त थी. चाहे वह, चॉकलेट की चोरी हो, 400 करोड़ का कोनार डैम घोटाला हो, अरबों रुपये का मोमेंटम घोटाला हो या विधानसभा व हाईकोर्ट निर्माण घोटाला. मतलब साफ है कि आज घोटालों की लंबी फेहरिस्त समाप्त ही हो नहीं पा रही है.