Islamabad/NewDelhi : पाकिस्तान ने सोमवार को इस्लामाबाद में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रभारी उच्चायुक्त को तलब कर भारत के मुसलमानों के प्रति चिंता व्यक्त की है. खबर है कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच वेद निकेतन धाम में आयोजित धर्म संसद में कथित तौर पर मुसलमानों के प्रति नफरते भरे भाषणों के मामले में पाकिस्तान ने यह कार्र्वाई की है. एक आधिकारिक बयान में पाकिस्तान के मंत्रालय ने कहा, आज भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रभारी एम सुरेश कुमार (उच्चायुक्त) को इस्लामाबाद में बुलाया गया.
उनके समक्ष हिंदुत्व समर्थकों द्वारा भारतीय मुसलमानों के नरसंहार की बात करने को लेकर चिंता जताई गयी. इत क्रम में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि जिन लोगों ने इस कार्यक्रम में नरसंहार की बात की उन लोगों पर भारत सरकार द्वारा न तो कोई खेद व्यक्त किया गया और न ही कोई कार्रवाई हुई.
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भारत भी कर चुका है ऐसी कार्र्वाई
जान लें कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय राजनयिक को तलब करने से पूर्व भारत भी पाक में अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाली घटनाओं को लेकर कई बार पाकिस्तान के राजनयिकों को तलब चुका है. हाल ही में अगस्त में ग्रामीण पंजाब के रहीम यार खान क्षेत्र में एक हिंदू मंदिर पर हमला हुआ था. इस मामले मे भारत ने विरोध दर्ज कराया था.
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यति नरसिंहानंद ने धर्म संसद का आयोजन किया था
17 से 19 दिसंबर के बीच हरिद्वार स्थित वेद निकेतन धाम में यूपी, गाजियाबाद में डासना मंदिर के पुरोहित यति नरसिंहानंद ने धर्म संसद का आयोजन किया था. आरोप है कि धर्म संसद में शामिल वक्ताओं ने मुसलमानों के प्रति नफरत फैलाने वाले भाषण दिये थे. इस कार्यक्रम का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें लोगों को भड़काते हुए शस्त्र उठाने से लेकर लोगों को मारने का आवाह्न किया जा रहा है. बता दें कि गाजियाबाद के डासना मंदिर के पुजारी, विवादास्पद यति नरसिंहानंद के खिलाफ यूपी में कई प्राथमिकिया दर्ज हैं.
धर्म संसद में नफरत फैलाने को लेकर FIR
धर्म संसद में नफरत फैलाने को लेकर तीन लोगों पर मामला दर्ज किये जाने की खबर है. स्वामी धर्मदास और साध्वी अन्नपूर्णा, वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी पर एफआईआर किया गया है. इन सब के खिलाफ IPC की धारा 153A (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है.