Kiriburu : गुवा खदान से प्रभावित सारंडा के काशिया-पेचा समेत अन्य गांवों के ग्रामीणों और बेरोजगारों को आजसू से संबद्ध अखिल झारखंड श्रमिक संघ के सारंडा मंडल अध्यक्ष समीर शेख के नेतृत्व में गुवा प्रबंधन के खिलाफ किया जा रहा आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है. खदान से प्रभावित सारंडा के विभिन्न गांवों के मुंडा-मानकी व शिक्षित बेरोजगार ग्रामीण युवक अपना हक व अधिकार की लड़ाई स्वयं लड़ने में सक्षम हैं. समीर शेख अपने आंदोलन में सारंडा के जिन 15 गांवों का उल्लेख बिना नाम लिए हमेशा कर रहे हैं उन गांवों का नाम के साथ उल्लेख करें. यह बातें काशिया-पेचा गांव के सामाजिक कार्यकर्ता मंगता सुरीन ने कही.
आंदोलन में नुईया, हिरजी हाटिंग व गुवा के कुछ लोग शामिल हैं
उन्होंने कहा कि समीर शेख सिर्फ नुईया, हिरजी हाटिंग, गुवा के कुछ लोगों को साथ लेकर आंदोलन कर रहे हैं और हर आंदोलन में सारंडा के 15 गांवों का जिक्र कर रहे हैं, जो गलत है. वह अपना आंदोलन करें. इससे हमें कोई आपत्ति नहीं है. मंगता ने कहा कि बीते दिनों गुवा खदान से प्रभावित सारंडा के विभिन्न गांवों के मुंडा-मानकी, डकुआ, दिऊरी आदि की बैठक काशिया गांव में सारंडा पीढ़ के मानकी लागुड़ा देवगम, मुंडा सिंगा सुरीन, घाटकुड़ी मानकी सुरेश चाम्पिया की अध्यक्षता में हुई थी.
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इस बैठक में राजाबेड़ा मुंडा, जामदेव चाम्पिया, जामकुंडिया मुंडा कुशु देवगम, बाईहातु मुंडा चिंतामणि चाम्पिया, लेम्ब्रे मुंडा लेबेया देवगम, दुबिल मुंडा सुखराम चाम्पिया, तितलीघाट मुंडा मनचुड़िया सिद्धू, बहदा मुंडा रोया सिद्धू, कुम्बिया मुंडा सोमा चाम्पिया, नंदलाल सुरीन, रेंगो सुरीन, सुरदन सुरीन, रुईदास सुरीन, सुखराम सुरीन, सागुराम सुरीन, साधो देवगम, शंकर सोरेन आदि दर्जनों लोग शामिल थे. सभी ने संयुक्त रुप से प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को रोजगार व गांवों का विकास हेतु स्वयं लड़ाई लड़ने का फैसला किया है.