Shamli : कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा शामली के ऐलम गांव में रात्रि विश्राम के बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में आज गुरुवार सुबह छह बजे फिर शुरू हुई. सुबह घने कोहरे और ठिठुरन भरी सर्दी के बीच अपनी अगली मंजिल की तरफ रवाना हुई इस यात्रा में व्यापक जन समूह देखने को मिला. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग राहुल गांधी की तस्वीर छपी सफेद टी-शर्ट पहने नजर आये.
#WATCH | Congress’s Bharat Jodo Yatra resumes from Ailum village, Shamli district in Uttar Pradesh pic.twitter.com/0bl3Q3k9eO
— ANI (@ANI) January 5, 2023
अपनी मां को देखने के लिए राहुल बुधवार शाम दिल्ली रवाना हो गये थे
राहुल एक बार फिर अपनी चर्चित सफेद टीशर्ट में यात्रा करते दिखे. हालांकि पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी नजर नहीं आयीं. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार वह बाद में यात्रा में शामिल होंगी. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने बताया कि पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत खराब होने के चलते उनकी देखभाल में व्यस्त प्रियंका बुधवार को भी यात्रा में हिस्सा नहीं ले सकी थीं.
अपनी मां को देखने के लिए राहुल भी बुधवार शाम दिल्ली रवाना हो गये थे. कांग्रेस द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार यात्रा आज सांप्रदायिक लिहाज से बेहद संवेदनशील माने जाने वाले कैराना से भी होकर गुजरेगी. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कैराना से बहुसंख्यक समुदाय के लोगों का पलायन एक बड़ा मुद्दा बना था.
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यात्रा आज ऊंचागांव में विश्राम करेगी
यात्रा आज ऊंचागांव पहुंचेगी. वहां जलपान और विश्राम के बाद अपराह्न साढ़े तीन बजे यात्रा फिर आगे बढ़ेगी और कैराना होते हुए हरियाणा की सीमा में दाखिल हो जायेगी. शाम साढ़े छह बजे हरियाणा के पानीपत में कुछ देर ठहरने के बाद यात्रा सनोली खुर्द पहुंचेगी और वहां रात्रि विश्राम करेगी. पिछले साल सितंबर में राहुल गांधी की अगुवाई में कन्याकुमारी से शुरू हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा तीन जनवरी को गाजियाबाद की लोनी सरहद से उत्तर प्रदेश में दाखिल हुई थी.
कांग्रेस इसे गैर राजनीतिक यात्रा बता रही है
उसी दिन यात्रा बागपत पहुंची थी और मवीकलां गांव में पड़ाव डाला था. बुधवार को यात्रा मवीकलां से निकलकर निवारा और सरूरपुर होते हुए बड़ौत जिले में दाखिल हुई थी. शाम को वह शामली पहुंचकर ऐलम गांव में ठहरी थी. हालांकि कांग्रेस इसे गैर राजनीतिक यात्रा बता रही है लेकिन इसके सियासी मायने भी तलाशे जा रहे हैं. कांग्रेस की यह यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गुजर रही है जहां कांग्रेस के पांव तीन दशक पहले उखड़ गये थे.