NewDelhi : देश में आज गुरुवार से आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने नारी शक्ति की याद दिलाई. कहा कि यह कार्यक्रम स्वर्णिम भारत के लिए भावना और साधना है. इस क्रम में उन्होंने कहा, इसमें देश के लिए प्रेरणा और ब्रह्मकुमारियों के प्रयास भी हैं. जान लें कि ब्रह्मकुमारी संस्था के द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है.
इसे भी पढ़ें : पाकिस्तान और तुर्की की शह पर लॉ फर्म ने ब्रिटेन से की मांग, अमित शाह और जनरल एमएम नरवणे को गिरफ्तार करें
राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है. हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है. उन्होंने कहा, ये भाव और बोध नये भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है. देश जो कुछ कर रहा है उसमें सबका प्रयास शामिल है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं, जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो. हम एक ऐसे भारत को उभरते देख रहे हैं, जिसकी सोच और अप्रोच नये हैं. जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं.
इसे भी पढ़ें : बोले जस्टिस नरीमन, सरकार की आलोचना करने वालों पर राजद्रोह कानून के तहत कार्रवाई चिंताजनक
भारत मातृशक्ति की पूजा देवी के रूप में करता था
पीएम मोदी ने कहा, दुनिया जब अंधकार के गहरे दौर में थी. महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी, तब भारत मातृशक्ति की पूजा, देवी के रूप में करता था. हमारे यहां गार्गी, मैत्रेयी, अनुसूया, अरुंधति और मदालसा जैसी विदुषियां समाज को ज्ञान देती थीं. कहा कि कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं. अमृत महोत्सव में भारत जिस स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहा है. उसमें भी कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिये हैं.
उन्होंने कहा कि कित्तूर की रानी चेन्नम्मा, मतंगिनी हाजरा, रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, अहिल्याबाई होल्कर और सावित्रीबाई फुले तक, इन देवियों ने भारत की पहचान बनाये रखी. आज देश लाखों स्वाधीनता सेनानियों के साथ नारी शक्ति के योगदान को याद कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा, अमृत काल का यह समय हमारे ज्ञान, शोध और इनोवेशन का समय है. हमें ऐसा भारत बनाना है जिसकी जड़ें प्राचीन परंपराओं और विरासत से जुड़ी होगी।. जिसका विस्तार आधुनिकता के आकाश में अनंत तक होगा.
इसे भी पढ़ें : अखिलेश के मौसा का सनसनीखेज आरोप, मुलायम सिंह यादव को घर में कैद करके रखा गया है
ब्रह्मा कुमारी विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन
ब्रह्मा कुमारी एक विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन है, जो व्यक्तिगत परिवर्तन और विश्व नवीनीकरण के लिए समर्पित है. 1937 में भारत में स्थापित ब्रह्मा कुमारी आंदोलन 130 से अधिक देशों में फैल चुका है. प्रजापिता ब्रह्माकुमार ईश्वरीय विवि एवं भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में इस समारोह को आयोजित किया जा रहा है.