NewDelhi : एंटीगुआ बारबुडा से बड़ी खबर आयी है. यहां के उच्च न्यायालय के फैसले से भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत लाना मुश्किल हो गया है. जान लें कि मेहुल चोकसी 13,000 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में भारत में वांछित है. एंटीगुआ बारबुडा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मेहुल चोकसी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि चोकसी को यहां से बाहर नहीं ले जाया जा सकता. भारत सरकार के लिए यह फैसला बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है. यानी कोर्ट के फैसले के बाद मेहुल चोकसी का भारत आना मुश्किल हो गया है.
Mehul Chowski wins in court; cannot be removed from Antigua and Barbuda without court order
Read @ANI Story | https://t.co/hh7sn0hRPW#MehulChowksi #Antigua #HighCourtOrder pic.twitter.com/H0pN33XgCK
— ANI Digital (@ani_digital) April 14, 2023
इसे भी पढ़ें : एनकाउंटर में मारे गये असद का शव प्रयागराज के कसारी मसारी कब्रिस्तान में दफनाया गया
एंटीगुआ के अटॉर्नी जनरल पर उसके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच करने का दायित्व
जानकारी के अनुसार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने अपने दीवानी मुकदमे में कोर्ट में दलील दी कि एंटीगुआ के अटॉर्नी जनरल और पुलिस प्रमुख पर उसके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच करने का दायित्व है. डोमिनिका के नेचर आइल न्यूज की मानें तो मेहुल चोकसी ने उसके साथ(भारत में) अमानवीय-अपमानजनक व्यवहार किये जाने आशंका जताई है.
इसे भी पढ़ें : संबलपुर में फिर भड़की हिंसा, कर्फ्यू लगाया गया, सुबह-शाम दो घंटे की छूट
एक स्वतंत्र न्यायिक जांच की जानी जरूरी है.
मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ और बारबूडा की हाईकोर्ट में अपने दावों की जांच की मांग की. कहा कि 23 मई, 2021 को एंटीगुआ और बारबुडा से अपहरण किये जाने की परिस्थितियों की त्वरित और गहन जांच की जानी चाहिए. दलील सुन कर कोर्ट ने मेहुल चोकसी को एंटीगुआ-बारबूडा से बगैर उसके आदेश के बाहर भेजने पर रोक लगा दी. साथ ही कहा कि मेहुल चोकसी के जबरन अपहरण और 23 मई 2021 को या उसके आसपास एंटीगुआ और बारबुडा के अधिकार क्षेत्र से हटाने की परिस्थितियों को लेकर एक स्वतंत्र न्यायिक जांच की जानी जरूरी है.
[wpse_comments_template]