- कार्यसमिति की बैठक में देशभर के आदिवासी नेताओं का जुटान, 2 दिन जनजातीय मामलों पर होगा महामंथन
- वी सतीश, दिलीप सैकिया, कुलस्ते, रेणुका सिंह, जॉन बारला, बाबूलाल, दीपक प्रकाश, रघुवर समेत कई नेता मौजूद
Ranchi : केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय ने हर ब्लॉक में एक-एक एकलव्य विद्यालय खोलने की योजना बनाई है. दूसरे प्रदेशों में इसपर तेजी से काम हो रहा है, लेकिन झारखंड सरकार का सहयोग इसमें नहीं मिल रहा है. झारखंड में एकलव्य स्कूल खोलने के राह में रोड़े अटकाये जा रहे हैं. केंद्रीय जनजातीय कार्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने यह बातें रांची में बीजेपी एसटी मोर्चा राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में कही. उन्होंने कहा कि स्कूल का लाभ ब्लॉक के ही बच्चों को मिलेगा, लेकिन जब स्कूल खोलने की तैयारी शुरू हो रही तो जमीन को लेकर पेंच फंस जा रहा है. लोग कहते हैं यहां स्कूल मत बनाइये कहीं और ले जाइये. मुंडा ने यह भी कहा कि झारखंड के जनजातीय कल्याण मंत्री और विभाग के पदाधिकारी केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय से आदिवासियों से जुड़ी योजनाओं पर बात नहीं करते हैं. केंद्रीय मंत्रालय द्वारा आदिवासियों के लिए चलाए जा रहे योजनाओं में भी राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिल रहा है.
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कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए नहीं सिर्फ उनके नाम पर बनाई थी योजनाएं- मुंडा
कार्यसमिति के उद्घाटन सत्र में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अर्जुन मुंडा ने कहा कि कांग्रेस के समय में आदिवासियों के नाम से कई योजनाएं बनती थी, लेकिन हकीकत यह थी कि उनके नाम पर बनी योजनाएं उनके लिए थी ही नहीं. परिणाम ये हुआ कि कांग्रेस के शासनकाल में आदिवासी समाज उपेक्षा का दंश झेलते हुए हाशिये पर चला गया. देश के 700 से ज्यादा आदिवासी समुदाय को सामूहिक रूप से आगे बढ़ाने का काम मोदी सरकार ने किया. प्रत्येक ब्लॉक में एक एकलव्य विद्यालय खोलने, वनधन योजना समेत कई योजनाएं बनी. पहले की सरकारें योजनाएं बनाने के बाद राज्य को फंड देकर अपना पल्ला झाड़ लेती थी, लेकिन मोदी सरकार ने कहा कि हम पल्ला नहीं झाड़ सकते. ऐसा करने से आदिवासी समुदाय आगे नहीं बढ़ेगा.
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स्थानीय स्तर पर आदिवासियों के लिए नीतियों का हो निर्धारण
मुंडा ने कहा कि एसटी मोर्चा के कार्यकर्ता अपने-अपने प्रदेश के ट्राइबल रिसर्च सेंटर के संपर्क में रहें और जनजातियों के बारे में पूरी जानकारी रखें. ऐसा करने से हम स्थानीय स्तर पर आदिवासी समुदाय के लिए नीतियों का निर्धारण कर सकते हैं. उन्होंने नेताओं से गांवों को आदर्श गांव बनाने पर भी जोर दिया. मुंडा ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने आदिवासियों के हितों के लिए काम किया है. आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने कैबिनेट में आदिवासी समाज से 8 मंत्री बनाये हैं. मोदी सरकार ने अपनी योजनाओं के माध्यम से संदेश दिया कि जंगलों-पहाड़ों में रहने वाले आदिवासी समाज के लोग उनकी प्राथमिकता हैं और आदिवासी समाज ने भी बीजेपी के प्रति विश्वास दिखाया है. 2014 में बीजेपी के 27 आदिवासी सांसद थे. 2019 में बढ़कर 31 हुई और यह निरंतर बढ़ता जाएगा.
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जनता को बताना होगा कि विपक्ष कर रहा गुमराह- समीर उरांव
बीजेपी एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद समीर उरांव ने कहा कि बीजेपी ने जनजातियों के उत्थान के लिए काम किया है. जब भी बीजेपी की सरकार आई है आदिवासियों के बारे में सोचा गया और उनके लिए योजनाएं बनी और नीतियों का निर्धारण हुआ है. मोदी सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में आदिवासी समुदाय को उचित भागीदारी दी. केंद्रीय कैबिनेट में 8 जनजातीय मंत्री बनाकर आदिवासियों को सम्मान दिया. अपनी योजनाओं के माध्यम से आदिवासी समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया. 100 करोड़ वैक्सीनेशन कर मोदी सरकार ने इतिहास बनाया, लेकिन विपक्ष बीजेपी सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों को लेकर अफवाह फैला रही है. इन सब बातों को लेकर मोर्चा के कार्यकर्ताओं को गांव-गांव जाना होगा.
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