Nagpur : जिन्हें सशस्त्र बलों में भर्ती की नयी नीति (Agnipath Scheme) पसंद नहीं है तो वे सशस्त्र बलों में शामिल न हों और इसके लिए कोई बाध्यता नहीं है. भारतीय सेना जबरदस्ती सैनिकों की भर्ती नहीं करती है. इच्छुक आकांक्षी अपनी मर्जी से इसमें शामिल हो सकते हैं. महाराष्ट्र के नागपुर शहर में केंद्रीय मंत्री एवं सेना के पूर्व प्रमुख जनरल वीके सिंह ने रविवार को पत्रकारों से यह बात कही.
Agnipath is a voluntary scheme, with no compulsion on youth: Former Army chief VK Singh
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— ANI Digital (@ani_digital) June 19, 2022
इस क्रम में उन्होंने कहा, सेना में शामिल होना स्वैच्छिक है और यह कोई मजबूरी नहीं है. अगर किसी को अग्निपथ योजना पसंद नहीं है तो इसमें शामिल होने के लिए नहीं आयें. आपको आने के लिए कौन कह रहा है. उन्होंने कहा कि सेना न तो रोजगार एजेंसी है और न ही कोई कंपनी या दुकान. उन्होंने कहा कि लोग देश की सेवा के लिए अपनी रुचि से सेना में शामिल होते हैं.
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कांग्रेस पर युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया
अग्निपथ योजना के खिलाफ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सिंह ने आरोप लगाया कि सबसे पुरानी पार्टी केंद्र सरकार के सबसे बेहतर काम में भी दोष ढूंढ रही है क्योंकि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा राहुल गांधी से की गयी पूछताछ से नाराज है. श्री सिंह ने कांग्रेस पर युवाओं को गुमराह करने और देश में अशांति पैदा करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया.
जान लें कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा था कि अग्निपथ योजना युवाओं और सेना के लिए विनाशकारी साबित होगी. प्रियंका के इस बयान को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, ‘‘कांग्रेस नाराज है क्योंकि ईडी राहुल गांधी से पूछताछ कर रही है.
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विपक्ष सरकार को बदनाम करने के लिए देश में अशांति पैदा करना चाहता है
उन्होंने कहा, विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस, युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. विपक्ष के पास केवल एक ही काम बचा है, वह है किसी भी सरकारी योजना की आलोचना करना और उसे रोकना. वे सरकार को बदनाम करने के लिए देश में अशांति पैदा करना चाहते हैं. सिंह ने जानकारी दी कि अग्निपथ योजना की अवधारणा की कल्पना 1999 के युद्ध के बाद करगिल समिति के गठन के समय की गयी थी.
नागरिकों की अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण की मांग 30 से 40 वर्षों से की जा रही है
उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं और अन्य नागरिकों के लिए अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण की मांग पिछले 30 से 40 वर्षों से की जा रही है. अतीत में कहा जाता था कि प्रशिक्षण एनसीसी के माध्यम से दिया जा सकता है लेकिन सैन्य प्रशिक्षण की मांग हमेशा से थी.जान लें कि सरकार ने अग्निपथ योजना के तहत कहा था कि साढ़े 17 से 21 साल तक के युवाओं को चार साल के लिए सशस्त्रबलों में भर्ती किया जायेगा. बाद में उनमें से 25 फीसदी को नियमित सेवा पर रख लिया जायेगा. ये युवक अग्निवीर कहलायेंगे. बाद में अग्निपथ योजना के अंतर्गत शामिल होने वाले युवाओं की आयु सीमा को इस वर्ष के लिए 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष करने का निर्णय लिया था.