Ranchi : जिला परिषद हजारीबाग द्वारा आरोग्यम अस्पताल को तीन-तीन भवन दिए जाने की खबर ‘शुभम संदेश’ में छपने के बाद हॉस्पिटल में बरती गयी अनियमितताओं के मामलों की कड़ियां परत-दर-परत खुलने लगी हैं. धीरे-धीरे कई मामले सामने आने लगे हैं. विष्णुगढ़ के एक व्यक्ति बैजनाथ प्रसाद महतो ने अपनी पूरी व्यथा सुनायी. बताया कि 27 सितंबर 2022 को एक पत्र स्वास्थ्य सचिव को लिखा था, जिसमें अपनी पीड़ा बयां की थी. पत्र में बताया था कि उनका आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद उन्हें इसका लाभ अस्पताल ने नहीं दिया और इलाज के बाद 1. 85 लाख 900 रुपए का बिल उन्हें थमा दिया. काफी मुश्किल से कर्ज लेकर 1.73 लाख 900 रुपए का भुगतान अस्पताल को कर पाया. चूंकि वह खुद बीमार थे, इसलिए उस वक्त लाचार थे और उनके बेटे को उनकी मौत का भय दिखाकर उन्हें भर्ती कर लिया गया. उन्होंने आरोग्यम के ही डॉ. मृणाल कुंज को आयुष्मान कार्ड दिया था. पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य सचिव ने आवेदक के पत्र को अपर कार्यकारी निदेशक झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के विद्यानंद शर्मा पंकज को अग्रसारित कर दिया. इस पत्र के आलोक में अपर कार्यकारी निदेशक ने 6 दिसंबर 2022 को हजारीबाग के सिविल सर्जन से मामले में सात दिनों में रिपोर्ट तलब की. पत्र में आयुष्मान के लाभुक बैजनाथ ने अपने खर्च का विस्तार से ब्योरा भी बताया है.
पत्र में यह भी कहा गया है कि एचबीजेड आरोग्यम सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के खिलाफ पीएमओ (प्रधानमंत्री ऑफिस) पोर्टल पर भी एक अन्य शिकायत मिली है. इसमें मटवारी निवासी स्वरूप कुमार ने भी इलाज के दौरान आयुष्मान कार्ड के लाभुक से इलाज के पैसे भी लिए और अनियमितता भी बरती गयी.
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आरोग्यम अस्पताल ने तब दी थी यह सफाई
मामले में आरोग्यम अस्पताल ने सफाई देते हुए पत्र जारी किया कि मरीज बैजनाथ ने बताया ही नहीं था कि वह गोल्डन कार्ड का लाभुक है. साथ ही वह गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचा था और उसे सर्जरी की सख्त जरूरत थी. अस्पताल में जबरन किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं कराया जाता है. मरीज और उनके परिजनों की सहमति से ही किसी भी प्रकार का इलाज किया जाता है.
पांच माह में भी नहीं हुई कार्रवाई और न भेजी गयी रिपोर्ट
पांच माह में भी शिकायत पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई और न ही सिविल सर्जन डॉ. सरयू प्रसाद सिंह ने अपर कार्यकारी निदेशक झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी को रिपोर्ट भेजी. जबकि सात दिनों में ही रिपोर्ट तलब की गयी थी. आयुष्मान योजना के लाभुक बैजनाथ को भी गोल्डन कार्ड का लाभ अब तक नहीं मिल पाया है. न ही उसके पैसे वापस हुए हैं. पूरा मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
पहले भी मिली हैं आरोग्यम की कई शिकायतें : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. सरयू प्रसाद सिंह ने कहा कि आरोग्यम अस्पताल की शिकायतें पहले भी कई बार आ चुकी हैं. उन मामलों की जांच भी की गयी है. इस शिकायत से संबंधित दस्तावेज की खोजबीन की जा रही है. कागजात मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
शिकायतों की पुष्टि हो जाने पर 10 गुना राशि वसूलने का है प्रावधान
ऐसी शिकायतों की पुष्टि हो जाने पर संबंधित स्वास्थ्य संस्थान को आयुष्मान योजना के पैनल से हटा दिया जाता है. साथ ही मरीज से वसूली गयी रकम की दस गुना राशि उस अस्सेपताल से वसूलने का सरकारी प्रावधान है. ऐसा ही एक मामला कोविड काल में हजारीबाग के क्षितिज अस्पताल से जुड़ा था. इसमें कार्रवाई करते हुए क्षितिज अस्पताल का आयुष्मान योजना का संबंद्धन समाप्त कर दिया गया था.