Lucknow : पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर द्वारा अपनी गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश के 9 अधिकारियों के खिलाफ परिवाद दर्ज कराये जाने की खबर सामने आयी है. श्री ठाकुर ने परिवाद में आरोप लगाया है कि बदला लेने के इरादे से पहले तो उन्हें नौकरी से निकाला गया और अब फर्जी मुकदमे लगाकर जेल भेज दिया गया है. बता दें कि अमिताभ ठाकुर के परिवाद पर 6 सितंबर को सुनवाई होगी.
परिवाद में राज्य के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अवनीश कुमार अवस्थी, एडिशनल डायरेक्टर जनरल महिला पुलिस नीरा रावत सहित अन्य शामिल है. जानकारी के अनुसार अमिताभ ठाकुर ने सीजेएम कोर्ट में हस्तलिखित परिवाद दाखिल किया है.
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परिवाद में कुल 9 अधिकारियों के नाम शामिल किये हैं
अमिताभ ठाकुर ने परिवाद में कुल 9 अधिकारियों के नाम शामिल किये हैं. इसमें ACS अवनीश कुमार अवस्थी, DGP मुकुल गोयल, पुलिस कमिश्नर ध्रुवकांत ठाकुर, ACP गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव, इंस्पेक्टर गोमतीनगर केके तिवारी, तत्कालीन इंस्पेक्टर हजरतगंज, DGP रिक्रूटमेंट बोर्ड राजकुमार विश्वकर्मा और एडिशनल डीजीपी फीमेल यूनिट नीरा रावत शामिल है.
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27 अगस्त को गिरफ्तार किये गये थे अमिताभ ठाकुर
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को 27 अगस्त को उनके घर से गिरफ्तार किया गया था.. उन पर रेप के आरोपी अतुल राय को बचाने के लिए साजिश रचने का आरोप है. अतुल राय पर आरोप लगाने वाली युवती ने 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के बाहर खुद को आग लगा ली थी. उसके बाद 24 अगस्त को युवती की मौत हो गयी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमिताभ ठाकुर, मुख्तार अंसारी के कहने पर उसके करीबी अतुल राय को बचाने की कोशिश कर रहे थे.
अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी का वीडियो जमकर वायरल हुआ था. इस वीडियो में वह पुलिस अधिकारियों के साथ संघर्ष करते दिखाई दे रहे थे. इसी वीडियो को साक्ष्य बताते हुए अमिताभ ठाकुर के खिलाफ एक और केस दर्ज किया गया. FIR में अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर का नाम भी शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट के बाहर पीड़िता ने 16 अगस्त को आत्मदाह के प्रयास से पहले फेसबुक लाइव किया था. इसमें पीड़िता ने अपने साथी के साथ कई पुलिस अधिकारियों के नाम लिये थे. आग लगाये जाने के कुछ दिनों पीड़िता और उनके साथी की मौत हो गयी. पीड़िता और उसके दोस्त ने अपने वीडियो में एसएसपी अमित पाठक, सीओ अमरेश सिह, दरोगा संजय राय और पूर्व आईजी पर आरोप लगाया था.
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ठाकुर उत्तर प्रदेश काडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं
ठाकुर उत्तर प्रदेश काडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं, उन्हें समय पूर्व ही सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक आदेश में कहा था कि उन्हें अपनी सेवा के शेष कार्यकाल के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया है. जान लें कि ठाकुर का कार्यकाल 2028 में पूरा होने वाला था.
ठाकुर ने 2017 में केंद्र से अपना काडर राज्य बदलने का आग्रह किया था. सपा संरक्षक मुलायम सिंह पर धमकी देने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था. हालांकि, केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने अप्रैल 2016 में उनके निलंबन पर रोक लगा दी और 11 अक्टूबर 2015 से पूरे वेतन के साथ उनकी बहाली का आदेश दिया था.