Pramod Upadhyay
Hazaribagh: तारीख तीन नवंबर 2022, दिन गुरुवार, समय : 1.30 बजे, डॉक्टर चैंबर में कुर्सी खाली, क्लीनिकल पैथोलॉजी में ताला बंद और घंटों मरीज बेहाल. वाह रे, हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल. स्वास्थ्य सचिव के जाने के 24 घंटे भी नहीं बीते कि फिर व्यवस्था बदहाल हो गई. इससे साफ हो गया कि हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दो नवंबर को जो तामझाम किया गया था, वह सिर्फ स्वास्थ्य सचिव के दिखावे के लिए था.
वस्तुस्थिति यह है कि स्वास्थ्य सचिव के जाने के बाद चैंबर से डॉक्टर नदारद हो गए. मरीजों के परिजनों को खुद ही ट्रॉली और ऑक्सीजन सिलेंडर वार्ड तक ले जाना पड़ रहा है. सदर अस्पताल में पार्किंग की व्यवस्था भी ध्वस्त हो गई. फिर से प्राइवेट एंबुलेंसों की कतार लग गई. सचिव के आने के पहले पार्किंग सज-धजकर तैयार थी. एक भी वाहन इधर-उधर नजर नहीं आ रहे थे. एकाध एंबुलेंस को छोड़ सभी को कैंपस के बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. लेकिन तीन नवंबर को पूर्व की भांति फिर से तितर-बितर वाहनों का जमावड़ा लग गया. अस्पताल कैंपस खस्ताहाल हो गया. जो होमगार्ड जवान मुस्तैदी से कल ड्यूटी निभा रहे थे, उनकी आज मोबाइल पर नजरें थिरक रही थीं. कई अस्पतालकर्मी भी यूनिफॉर्म के बगैर काम में जुटे थे. वार्डब्वॉय भी लापता थे.
इसे भी पढ़ें– दुमका, पलामू और देवघर से हजारीबाग का मेडिकल कॉलेज बेहतर : अरुण कुमार सिंह
जानिए मरीजों की व्यथा
इचाक निवासी शाहिदा परवीन ने बताया कि गुरुवार की सुबह 9 बजे से इलाज करवाने के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचीं. अपराह्न 1 बजे तक उन्हें टोकन मिला. उसके बाद से डॉक्टर के चेंबर के पास घंटों खड़ी रहीं. लेकिन न तो कोई डॉक्टर से भेंट हो पायी और पूछने पर न ही कोई सही जवाब दे रहा था. कोई कह रहा था कि डॉक्टर आज नहीं हैं, कोई कह रहा जांच करने गए हुए हैं.
इमरजेंसी वार्ड में भी उपलब्ध नहीं थे डॉक्टर
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भी अपराह्न एक से डेढ़ बजे तक कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे. वहां पता चला कि डॉक्टर तीन बजे के बाद बैठेंगे. कई मरीज वहां भी डॉक्टर की प्रतीक्षा में बैठे नजर आए. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ एसपी सिंह ने कहा कि वह मीटिंग में हैं. कुछ भी बताने में असमर्थ हैं.
इसे भी पढ़ें– सीएम हेमंत सोरेन नहीं पहुंचे ED ऑफिस, मांगा तीन सप्ताह का समय