Ranchi : न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल ने नामकुम में जिस 9.30 एकड़ जमीन को आशीष कुमार गांगुली और मुबारक हुसैन से खरीदा है, वह सरकारी रिपोर्ट में खासमहाल प्रकृति की भूमि के रूप में दर्ज है. भू-राजस्व सचिव ने इस जमीन की रजिस्ट्री रद्द करने के आदेश का पालन नहीं होने के कारण, एसआइटी जांच का आदेश दिया है. इधर विष्णु अग्रवाल का दावा है कि उन्होंने जो जमीन खरीदी है, वह खासमहाल प्रकृति की नहीं है. इस बीच lagatar.in को इस बारे में कुछ और तथ्य मिले हैं. इसके मुताबिक जिस आशीष कुमार गांगुली और मुबारक हुसैन के परिजनों ने विष्णु अग्रवाल को जमीन बेची है, उन्हीं दोनों ने वर्ष 2014 में उपरोक्त जमीन की लीज रिन्युअल करने का आवेदन भी दिया था.
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जानकारी के मुताबिक वर्ष 2014 में विक्रेताओं की ओर से जमीन के लीज नवीकरण का आवेदन दिया गया था. साथ ही जमीन के मालिकाना हक के लिए दोनों के परिवारों के बीच अदालत में कानूनी लड़ाई भी चल रही थी. विष्णु अग्रवाल का म्यूटेशन आवेदन रद्द किये जाने के बाद फरवरी 2020 में हुसैन परिवार और गांगुली परिवार ने अपना-अपना केस वापस ले लिया. इस खरीद-बिक्री की एक बार जांच हो चुकी है. पहली बार जांच के दौरान जिला अवर निबंधक ने रजिस्ट्री कार्यालय में उपलब्ध सरकारी जमीन की सूची में इसका उल्लेख नहीं होने की बात कही थी. सरकार ने इसे अस्वीकार करते हुए दूसरी बार जांच का आदेश जारी किया है, क्योंकि सरकार इसे खासमहाल की जमीन बताती है.
दुबारा हुई जांच रिपोर्ट के मुताबिक संबंधित जमीन के खतियानी रैयत मौलवी जहीरुद्दीन हैं. खतियान में मकान-बाड़ी का लगान पानेवाले कॉलम में सेक्रेट्री ऑफ स्टेट फॉर इंडियन काउंसिल दर्ज है. जमीन की स्थल जांच में पता चला है कि मुबारक हुसैन, तबारक हुसैन सहित अन्य पारिवारिक सदस्य जमीन के दक्षिणी छोर पर मकान बना कर रह रहे हैं और बाकी बची जमीन पर भी अपना दावा पेश करते हैं.
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जांच रिपोर्ट के मुताबिक रजिस्टर-टू में आशीष कुमार गांगुली के नाम पर जमीन की जमाबंदी कायम है. दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त के आदेश से जमीन 30 साल के लिए रामचंद्र मुखर्जी के नाम पर स्वीकृत हुई थी. इसकी अवधि 31 मार्च 2014 तक थी. इस जमीन के लीज नवीकरण के लिए श्याम कुमार जालान द्वारा आवेदन दिया गया था. श्याम कुमार जालान को आशीष कुमार गांगुली के परिवार के लोगों की तरफ से पावर ऑफ अटॉर्नी दी गयी है. हलांकि जमीन पर गांगुली परिवार का दखल-कब्जा नहीं है. इसी जमीन के लीज नवीकरण के लिए हुसैन परिवार की ओर से भी आवेदन दिया गया है. इस जमीन के मालिकाना हक को लेकर हुसैन और गांगुली परिवारों के बीच कानूनी लड़ाई (टीएस नंबर 10-05) चल रहा है. इस मुकदमे में सरकार का पक्ष रखने के लिए जीपी, रांची को अधिकृत किया गया है.