Ranchi : झारखंड के गुमला जिले के परमवीर चक्र विजेता अलबर्ट एक्का को केंद्र सरकार ने सम्मान दिया है. अंडमान निकोबार के एक द्वीप का नामकरण उनके नाम पर हुआ है. सोमवार को पराक्रम दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की. उन्होंने अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया है. प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनाए जाने वाले नेताजी राष्ट्रीय स्मारक के प्रतिरूप का भी उद्घाटन किया. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सबसे बड़े द्वीप का नामकरण प्रथम परमवीर चक्र विजेता के नाम पर किया गया है. इसी प्रकार आकार की दृष्टि से अन्य द्वीपों का नामकरण किया गया, जिसमें झारखंड के परमवीर अलबर्ट एक्का का नाम भी शामिल है.
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में त्रिपुरा में शहीद हुए थे अलबर्ट एक्का
झारखंड के गुमला जिले के जारी गांव के निवासी परमवीर अलबर्ट एक्का 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में त्रिपुरा में शहीद हुए थे. इनके नाम से रांची के मेन रोड में परमवीर अलबर्ट एक्का चौक भी है. 2016 में परमवीर की पवित्र माटी त्रिपुरा से सम्मानपूर्वक लायी गयी थी. उनके पैतृक गांव में उस मिट्टी से कब्र बनायी गयी थी. हालांकि अब तक वहां उनकी समाधि बनाये जाने का इंतजार है. पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की पहल पर पूर्व टीएसी कार्यकर्ता रतन तिर्की के नेतृत्व में 2016 में परमवीर की पवित्र माटी पूरे सैनिक सम्मान के साथ लाकर उनके निवास स्थान के पास उनकी ही जमीन पर कब्र में रखी गयी थी. पूर्व सीएम रघुवर दास और वर्तमान सीएम हेमंत सोरेन ने वहां समाधि स्थल बनाने की घोषणा की थी.
परमवीर की पत्नी बलमदीना एक्का बाट जोहते-जोहते पिछले वर्ष गुजर गयीं
जब त्रिपुरा से परमवीर अलबर्ट एक्का की पवित्र मिट्टी लाकर उनका कब्र बनाया गया था, तो उनकी पत्नी बलमदीना एक्का की आंखों में खुशी के आंसू निकल आये थे. 2016 के बाद वे हर साल इंतजार करती रहीं कि अब उनके पति का समाधि स्थल बन जाएगा. मगर नहीं बना. समय गुजरता गया और इंतजार करते-करते आखिरकार बलमदीना भी दुनिया से अलविदा हो गयीं.
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