Bahragora : राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ दिनेश षाड़ंगी ने सोमवार को अपने आवासीय कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर कहा कि एक्सपर्ट से सलाह लेकर ही सरकार फोर्टिफाइड चावल का वितरण करे. यह चावल स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है. चावल की बोरी पर ही सावधानी के लिए लिखा है कि थैलेसीमिया मरीज चिकित्सकों की सलाह से यह चावल खाएं. विदित हो कि चार सितंबर को शुभम संदेश में फोर्टिफाइड चावल के विषय में विस्तृत रिपोर्ट छपी थी. डॉ षाड़ंगी ने कहा कि कुपोषण से लड़ने के नाम पर इस चावल का वितरण कर सरकार गरीब मरीजों को झांसा दे रही है. चिकित्सकों और एक्सपर्ट की सलाह लिए बिना ही सरकार इस चावल का वितरण कर रही है, जो घातक हो सकता है.
इसे भी पढ़ें : जगन्नाथपुर : नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने का प्रयास, आरोपी फरार
खाद्य आपूर्ति विभाग आंख बंद कर यह चावल जन वितरण के माध्यम से गरीबों के बीच बांट रहा है. स्कूलों में और आंगनबाड़ी केंद्रों में भी यही चावल दिया जा रहा है. यह चावल पानी में तैर रहा है और ग्रामीण इसे नकली चावल समझ कर पानी से छानकर फेंक दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब ग्रामीण उक्त चावल को खा ही नहीं रहे हैं तो उन्हें पोषण कैसे मिलेगा. डॉ षाड़ंगी ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिले में प्रत्येक माह 2000 क्विंटल फोर्टिफाइड चावल का वितरण हो रहा है. सरकार तत्काल इस चावल का वितरण बंद कर खाद्य और कुपोषण एक्सपर्ट से सलाह ले और इसके बाद आगे की कार्रवाई करे.