New Delhi: केंद्रीय श्रमिक संगठनों के हड़ताल के कारण बृहस्पतिवार को देशभर में बैंकों का कामकाज प्रभावित रहेगा. भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर दस केंद्रीय श्रमिक संघों ने केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ बृहस्पतिवारी को आम हड़ताल का आह्वान किया है. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए) और भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ ने भी हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की थी.
बैंकों का निजीकरण से नाराजगी की वजह
बैंक कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन की वजह बैंकों का निजीकरण और क्षेत्र में विभिन्न नौकरियों को आउटसोर्स करना या संविदा पर करना है. इसके अलावा बैंक कर्मचारियों की मांग क्षेत्र के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की भर्ती करना और बड़े कॉरेपोरेट ऋण चूककर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना भी है.
बंद रहेंगी 21 हजार शाखाएं
देशभर में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों व श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख दस श्रम संघों के साझा मंच की केंद्र सरकार की कथित जन विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ हो रही देशव्यापी हड़ताल में बैंकिंग उद्योग भी शामिल होगा. मालूम हो कि देश में सभी राज्यों में एक या उससे ज्यादा ग्रामीण बैंक हैं. इनकी कुल संख्या 43 है. इसमें लगभग 21,000 शाखाओं के एक लाख अधिकारी और सभी तरह के कर्मचारी काम कर रहे हैं.
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झारखंड के भी 10 हजार बैंककर्मी भी होंगे शामिल
इस हड़ताल में झारखंड के भी 10 हजार बैंककर्मी शामिल होंगे. उक्त जानकारी देते हुए ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने बताया कि विभिन्न मांगों को लेकर ये हड़ताल होने वाला है. उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएशन और यूनाइटेड फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियन ने बैंक प्रबंधन एवं सरकार को इस विषय में हड़ताल की नोटिस दे दिया गया है. सेंट्रल ट्रेड यूनियन के आह्वान पर स्टेट बैंक के अलावा सभी व्यावसायिक बैंक और ग्रामीण बैंक बंद रहेंगे.
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