Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि ऋण उपलब्ध कराने में बैंकों का उदासीन रवैया है. जरूरी है कि बैंक अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लायें. उन्होंने कहा है कि गरीब, किसान, नौजवान एवं जरूरतमंदों के पास आर्थिक उपलब्धता नहीं रहने के कारण वे रोजगार सृजन नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे वर्ग के लोगों को राज्य सरकार आर्थिक रूप से सशक्त एवं समृद्ध बनाने को लेकर निरंतर प्रयासरत है. राज्य के सर्वांगीण विकास में सभी वर्गों के लोगों की समान भागीदारी होती है. क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई बार उन्हें आम जनता विशेषकर महिलाओं ने बैंकों द्वारा ऋण मुहैया नहीं कराए जाने की शिकायतें की हैं. आमजनों द्वारा बैंकों के प्रति शिकायतों से ऐसा प्रतीत होता है कि जरूरतमंदों के साथ बैंकों का रवैया उदासीन रहता है. हेमंत सोरेन बुधवार को नाबार्ड द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2022- 2023 में यह बात कही. उन्होंने कहा कि राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में नाबार्ड की भूमिका महत्वपूर्ण है. विशेषकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूतीकरण में नाबार्ड सहित अन्य नेशनलाइज बैंक एवं प्राइवेट बैंक अपना योगदान देते हैं. इन सभी संस्थानों से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी उम्मीदें होती हैं.
प्रत्येक क्षेत्र में सकारात्मक कार्य कर रही राज्य सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रोजगार सृजन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, प्रत्येक व्यक्ति को आवास, सिंचाई हेतु चेक डैम-कैनाल निर्माण इत्यादि योजनाओं को जल्द पूरा कर प्रत्येक खेतों में पानी पहुंचाने का कार्य राज्य सरकार द्वारा प्रतिबद्धता के साथ किया जा रहा है. राज्य के अंदर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी सौर ऊर्जा के माध्यम से घर-घर तक बिजली की उपलब्धता के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. परंतु यह भी सच है कि इन सभी सेक्टरों में चाहे वह शहर हो या गांव, और तेजी के साथ हमें विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास में भी नाबार्ड सहित क्षेत्रों में स्थापित विभिन्न बैंकों को और ज्यादा गंभीरता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है.
बैंक जरूरतमंदों को प्राथमिकता के साथ ऋण उपलब्ध कराए, यह सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंक जरूरतमंद लोगों को सरलता के साथ ऋण उपलब्ध करे, यह सुनिश्चित करें. जनप्रतिनिधियों के पास अक्सर वैसे ही ग्रामीण अपनी फरियाद लेकर आते हैं, जिनके पास दु:ख-दर्द और तकलीफें होती हैं. संसाधन समृद्ध और खुशहाल लोग अपनी फरियाद लेकर नहीं के बराबर ही आते हैं. इस बात को समझने की जरूरत है कि जो लोग अपनी फरियाद लेकर आते हैं, वे बहुत ज्यादा जरूरतमंद हैं, काफी उम्मीद लेकर वे हमारे पास आते हैं. अतएव हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि हम उन्हें हरसंभव मदद करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड ऋण मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक पहल करे, तभी गांव, गरीब, किसान,महिला एवं नौजवान खुशहाल और समृद्ध होंगे.
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रड्क्ट स्कीम पर कार्य योजना बनाएं
इस अवसर पर राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि राज्य में 35 लाख किसानों को पीएम सम्मान योजना का योजना का लाभ दिया गया है, परंतु किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से 10 लाख से ज्यादा किसानों को नहीं जोड़ा जा सका है. मुख्य सचिव ने कहा कि नाबार्ड आने वाले एक वर्ष में शत-प्रतिशत किसानों को केसीसी उपलब्ध कराए, यह सुनिश्चित करे. राज्य को नाबार्ड से मिलने वाले ऋण को दोगुना किया जाए. ऋण की राशि लगभग ढाई-तीन हजार करोड़ से अधिक होनी चाहिए. RIDF फंड में भी खर्च करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रड्क्ट स्कीम के तहत किस जिले में कौन से उत्पाद को प्रमोट किया जाय इस पर कार्य हो. प्रधानमंत्री मत्स्य योजना पर भी तत्परता के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है.
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