Bermo : बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले मनरेगा मजदूरों का मज़दूरी भुगतान नहीं होने के कारण वे बेहाल हैं. वैसे पिछले वित्तीय वर्ष 2021 के अक्टूबर माह से मज़दूरी भुगतान नियमित रूप से नहीं हो रहा है. गोमिया में पिछले एक माह का करीब एक करोड़ 43 लाख रुपये का मज़दूरी भुगतान लंबित है. जबकि जिले में कई करोड़ रुपये बकाया होगा. मनरेगा योजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है.
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सरकार ने इस योजना को लाकर देश के 70 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में बसने वाले ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार देने की गारंटी की है. लेकिन इन दिनों गोमिया में इस योजना के तहत किये गए काम के एवज में उन्हें मज़दूरी नहीं मिल रही है.इस संबंध बताया गया कि पहली अप्रैल से 6 मई तक मज़दूरों का भुगतान बकाया है. वैसे पिछले वितीय वर्ष का भी मज़दूरी भुगतान लंबित है.कुएं, डोबा, दीदी बाड़ी और टीसीबी योजना, प्रधानमंत्री आवास, आंगनबाड़ी भवन निर्माण के तहत प्रखंड के प्रत्येक पंचायत में मज़दूरों से काम कराये गए हैं.लेकिन मज़दूरी भुगतान नहीं होने के कारण उनके समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया.
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गोमिया प्रखंड में 36 पंचायत है. जिसमें चार पांच पंचायतों को छोड़ दें तो अमूमन सभी पंचायत ग्रामीण क्षेत्रों में आते हैं. पिछले दिनों सरकार की इस योजना अंतर्गत प्रत्येक पंचायत में कम से कम दो सौ मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य रखा गया था, ताकि हर बेरोजगार को काम मिल सके. इसी उद्देश्य के तहत कुआं, टीसीबी, दीदी बाड़ी योजना के अलावा मिट्टी के अन्य तरह के काम कराये गए. इन कार्यों के वजह से ग्रामीणों को गांव में ही काम मिल गया और वे पलायन को विवश नहीं हुए. लेकिन पिछले अक्टूबर माह से इन मजदूरों का मजदूरी भुगतान नहीं होने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है.