Bermo: राष्ट्रीय एकता सद्भावना अभियान बेरमो ने बोकारो थर्मल क्लब में संगोष्ठी का आयोजन किया. संगोष्ठी का विषय कैसे बचाएं राष्ट्रीय एकता व सदभावना था. कार्यक्रम की शुरुआत कन्हैया कुमार, उमेद कोहली, अलीमुद्दीन और तबरेज अंसारी के चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई. इसके बाद सदस्यों ने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ कर भारत के एकता की शपथ ली.
गुलाब चन्द्र प्रजापति ने कहा कि आज देश में सांप्रदायिक विद्वेष और धार्मिक असहिष्णुता की जड़ें गहरी होती जा रही हैं. देश का भविष्य खतरे में नजर आने लगा है. इसलिए आज भारत में एकता और भाईचारा के बारे विचार करना जरूरी है. सुबोध सिंह पवार ने कहा कि भारत दुनिया के देशों से अलग इसलिए मानी जाती रही है, क्योंकि यहां सभी धर्म, जाति और वर्ण के लोग असमानताओं के बावजूद दूध-चीनी की तरह मिलकर रहते हैं. लेकिन कुछ लोग धर्म के नाम पर माहौल बिगाड़ रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट के आयुक्त झारखंड के पूर्व सलाहकार बलराम ने कहा कि धार्मिक कट्टरता का जहर इतना फैलता जा रहा है कि आम आदमी के लिए चिंता का विषय है. धर्म के नाम पर बढ़ती कट्टरता पर विचार करना जरूरी है. प्राचार्य ममता सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कृति धर्म का सम्मान करना सिखाती है. यह कितनी बड़ी विडंबना है कि धर्म ग्रंथों में सबसे ज्यादा प्रेम, दया, करुणा और त्याग की बात कही गयी है, लेकिन सबसे ज्यादा क्रूरता और घृणा धर्म के नाम पर ही फैल रहा है. कार्यक्रम में आचार्य रविन्द्र मिश्रा, ईस्लामिक सॅकालर मो. जलालुद्दीन अंसारी, फादर माइकल लकड़ा, गुरमित सिंह अमलतेश पांडेय, राजेश विश्वकर्मा, क्रष्ण दयाल सिंह, प्रो जीपी सिंह, अनवर आलम, विरेन्द्र सिंह, कलाम खान, भागीरथ शर्मा, शाहजहां, सुकुमार और सलीम जावेद मौजूद थे.
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