Ranchi/Delhi : शिबू सोरेन परिवार की बड़ी बहू और स्व. दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. नयी दिल्ली स्थित पार्टी के मुख्यालय में सीता सोरेन ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. झारखंड चुनाव प्रभारी व राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी और पार्टी के महासचिव विनोद तावड़े ने उनका स्वागत किया. भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने बाद सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड को बचाने के लिए वह भाजपा में शामिल हुई हैं. उनके ससुर शिबू सोरेन और पति दुर्गा सोरेन की अगुवाई में अलग झारखंड राज्य की लड़ाई लड़ी गयी. अलग झारखंड राज्य बना, लेकिन राज्य का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया. आज देश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जाता रही है. उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हो रही हैं.
#WATCH | Delhi: Former JMM MLA and sister-in-law of former Jharkhand CM Hemant Soren- Sita Soren joins BJP. pic.twitter.com/HiG9Nlsm8I
— ANI (@ANI) March 19, 2024
14 सालों में आज तक नहीं मिला पार्टी की तरफ से सम्मान
सीता सोरेन ने कहा कि उन्होंने 14 सालों तक पार्टी की सेवा की. कहा कि इन 14 सालों में जो सम्मान मुझे मिलना चाहिए था वो आज तक नहीं मिला. जिसके कारण मुझे इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा. कहा कि उनके स्वर्गीय पति दुर्गा सोरेन ने काफी मेहनत से राजनीतिक जमीन तैयार की. लेकिन आज तक हम अछूते ही रहे हैं. पार्टी ने आज तक सम्मान भी नहीं दिया है.
#WATCH दिल्ली: JMM से अपने इस्तीफे पर सीता सोरेन ने कहा, “…मैंने 14 साल तक पार्टी की सेवा की और 14 साल में मुझे जो सम्मान मिलना चाहिए था वो मुझे आजतक नहीं मिला। जिसके कारण मुझे यह बड़ा फैसला लेना पड़ा…” https://t.co/tZQBbrBUNP pic.twitter.com/xfIX2ALawY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 19, 2024
मंत्री नहीं बनाये जाने से नाराज थी सीता सोरेन
बता दें कि सीता सोरेन ने आज ही परिवार और पार्टी पर उपेक्षा का आरोप लगाकर जेएमएम के साथ विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया. हेमंत सोरेन की भाभी के इस्तीफा देने के बाद से ही कयास लगाये जा रहे थे कि सीता सोरेन भाजपा में शामिल हो सकती हैं. इन सभी कयासों पर अब पूर्ण विराम लग गया है. पार्टी सूत्रों की मानें तो सीता सोरेन के भाजपा में जाने की पटकथा विगत कई महीनों से लिखी जा रही थी. सीता सोरेन चंपाई सोरेन सरकार में मंत्री नहीं बनाये जाने से नाराज थी. लेकिन गुरु जी के दखल और समझाने के बाद सीता सोरेन चंपाई सोरेन सरकार को समर्थन दिया था. परिवार और पार्टी की उपेक्षा से नाराज होकर सीता सोरेन ने जेएमएम और विधानसभा की सदस्यता छोड़ने का निर्णय लिया.
सीता सोरेन ने परिवार और पार्टी पर लगाया उपेक्षा का आरोप
बता दें कि सीता सोरेन ने अपने इस्तीफा में लिखा कि आदरणीय गुरुजी बाबा केंद्रीय अध्यक्ष, झारखंड मुक्ति मोर्चा. मैं सीता सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय महासचिव एवं सक्रिय सदस्य वर्तमान विधायक हूं, आपके समक्ष अत्यंत दुखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा प्रस्तुत कर रही हूं. मेरे स्वर्गीय पति, दुर्गा सोरेन, जो कि झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे, के निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहे हैं. पार्टी और परिवार के सदस्यों ने हमें अलग-थलग कर दिया है. जो कि मेरे लिए अत्यंत पीड़ादायक रहा है. मैंने उम्मीद की थी कि समय के साथ स्थितियां सुधरेगी, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ. झारखंड मुक्ति मोर्चा जिसे मेरे स्वर्गीय पति ने अपने त्याग समपर्ण और नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया था आज वह पार्टी नहीं रहीं, मुझे यह देखकर गहरा दुःख होता है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गयी है. जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मूल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाते.
अथक प्रयासों के बावजूद हम एकजुट ना हो सके
श्री शिबू सोरेन (गुरूजी बाबा के) अथक प्रयासों के बावजूद जिन्होंने हम सभी को एक जुट रखने के लिए कठिन परिश्रम किया, अफसोस कि उसके प्रयास भी विफल रहें. मुझे हाल ही में यह ज्ञात हुआ है कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ भी एक गहरी साजिश रची जा रही है. मैं अत्यंत दुखी हूं. मैंने यह दृढ़ निश्चय किया है कि कि मुझे झारखंड मुक्ति मोर्चा और इस परिवार को छोड़ना होगा. अत: मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं. आप से निवेदन करती हूं कि मेरा इस्तीफा स्वीकार किया जाये. मैं आपकी और पार्टी की हमेशा अभारी रहूंगी. मेरी शुभकामनाएं सदैव आपके साथ रहेंगी.
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