Ranchi: रिम्स के सुपरस्पेशलिटी बिल्डिंग में साढ़े सात बजे शाम से करीब 51 मिनट बिजली गुल रही. शाम के 7 बजकर 35 मिनट से लेकर 8 बजकर 26 मिनट तक बिजली गुल रही. बीच में सिर्फ 8:16 मिनट में एक मिनट के लिए बिजली आई थी. इस दौरान सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक में करीब भर्ती 125 मरीजों की जान आफत में आ गयी थी. इसमें से 50 के करीब मरीज आईसीयू के भरोसे थे, और इस दौरान मरीज तड़पते रहे. मरीज के परिजन ब्लॉक के बाहर बिजली विभाग के कर्मियों और रिम्स प्रबंधन से लगातार संपर्क करने की कोशिश में थे, पर उन्हें किसी तरह का कोई सहयोग नहीं मिल पाया. बता दें कि बिजली का केबल कटने के कारण जेनरेटर से भी सप्लायी नहीं हो पा रहा था. आनन-फानन में रिम्स के बिजली विभाग के कर्मचारियों ने दूसरे केबल के सहयोग से लाइन जोड़ा. इस प्रक्रिया में करीब 51 मिनट लग गए तब तक मरीज भगवान भरोसे रहे. हालांकि इस दौरान एक भी मरीजों की जान नहीं गई.
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सिलेंडर के भरोसे डॉ अंशुल मरीज को करते रहे स्टेबल
सीटीवीएस विभाग में भर्ती रातु रोड के दुखहनन साहू को तुरंत ऑपरेशन थियेटर से निकाला गया था, उन्हें तत्काल वेंटिलेटर की जरूरत थी, बिजली नहीं रहने के कारण मरीज इधर-उधर परेशान रहे. हालांकि डॉ अंशुल सिलेंडर के सहयोग से मरीज को स्टेबल करने की कोशिश करते रहे. बिजली आने के बाद मरीज स्टेबल हो गया.
इधर-उधर भागते रहे मरीज के परिजन
सुपरस्पेशलिटी बिल्डिंग में भर्ती मरीज के परिजन इस दौरान काफी परेशान हो गए थे. सभी वार्ड में इधर-उधर भागते रहे ताकि कहीं से जल्दी से बिजली उपलब्ध हो जाये, और उनके मरीज स्थिर हो जाएं. बिजली गुल रहने के दौरान कई परिजन अपने स्तर से प्रबंधन से संपर्क करने का प्रयास भी करते रहे, वहीं कुछ परिजन अपने मरीज को हाथ के पंखे से हवा देते दिखे और उनको जल्दी बिजली आ जाने को लेकर भरोसा देते रहे.
बैकअप से चलता रहा कई वेंटिलेटर
इस ब्लॉक में करीब एक दर्जन मरीज वेंटिलेटर पर थे. कई वेंटिलेटर में बैटरी बैकअप होने के कारण मरीजों को सांसे मिलती रही. कार्डियोलॉजी विभाग में वेंटिलेटर पर भर्ती मरीज के परिजन ने बताया कि वेंटिलेटर तो चल ही रहा था, पर बार बार लो एयर प्रेशर का अलार्म बज रहा था. उन्होंने कहा कि अगर थोड़ी देर और हो गयी होती को कुछ भी हो सकता था.
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पानी के जमाव के कारण शॉर्ट कर गया था केबल
बिजली विभाग के कर्मियों ने बताया कि ट्रांसफारमर के पास से बिल्डिंग के लिए दो केबल आते हैं, जिसमें एक केबल शार्ट कर गया था. जिस कारण लाइन होल्ड नहीं कर पा रहा था. दूसरे केबल के सहयोग से जोड़कर तत्काल लाइन चालू किया गया. जेनरेटर और लाइन का एक ही केबल है. केबल के एक टेंच में पानी जमा हो गया था, जिससे तार शार्ट कर गया था.
मोबाइल के टॉर्च से चलता रहा इलाज
सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक में इस 51 मिनट में मोबाइल के टॉर्च से मरीजों का इलाज चलता रहा. ऑपरशेन थियेटर से मरीज के निकलने के बाद भी मरीज को मोबाइल टार्च के लाइट से मरीज को स्टेबल करने में लगे रहे. इस दौरान जूनियर डॉक्टर, पीजी, नर्सिंग स्टॉफ के अलावा डॉ हेमंत नारायण और डॉ अंशुल रिम्स में उपस्थित थे. वे लगातार मरीजों को कोई हताहत नहीं हो इसकी मॉनिटरिंग करते रहे.
उपाधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर दिखाई तत्परता
बिजली गुल होने की सूचना मिलते ही रिम्स के उपाधीक्षक मौके पर पहुंच गए. जिसके बाद वे बिजली विभाग के कर्मियों के साथ मिलकर जल्द बिजली उपलब्ध कराने की जुगत में लग गए. उन्होंने बताया कि आपदा कभी भी हो सकती है. वहीं इसबार भी हुआ है. हमने मिलकर जल्द से जल्द बिजली उपलब्ध कराने की कोशिश की है. भगवान का शुक्र है कि किसी मरीज को कुछ नहीं हुआ.