Ranchi : कोरोना वैक्सीन की बर्बादी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी आंकड़े को सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भ्रामक और सोची समझी राजनीति का एक हिस्सा बताया है. पार्टी प्रवक्ता सह महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि जब हम प्राकृतिक विपदा से जुझ रहे हैं, तो इस दौरान भी केंद्र द्वारा झारखंड के लिए विपदा पैदा की जा रही है. दरअसल राज्य के मुख्यमंत्री की बढ़ती लोकप्रियता, कोरोना के रोकथाम के प्रति उनके काम को देखते हुए केंद्र सरकार, केंद्रीय और प्रदेश बीजेपी के नेता चिंतित है. मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए केंद्र ऐसा भ्रामक आंकड़ा जारी कर रहा है.
यह भ्रामक आंकड़ा केंद्र की सोची समझी राजनीति का हिस्सा है
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीन की बर्बादी को लेकर जो रिपोर्ट बुधवार को जारी की है, वह काफी भ्रामक है. बता दें कि रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में वैक्सीन की बर्बादी सबसे ज्यादा यानी 37 प्रतिशत है. जेएमएम नेता ने कहा कि यह भ्रामक आंकड़ा केंद्र की सोची समझी राजनीति का हिस्सा है. केंद्र ने जैसे ही इससे जारी किया, तो प्रदेश बीजेपी नेताओं ने निंदनीय तरीके से इसे प्रचारित करने का काम किया. ऐसा करने के पीछे का उद्देश्य केवल और केवल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बदनाम करना है.
राज्य को अभी तक 55 लाख वैक्सीन के डोज मिले है
उन्होंने कहा कि राज्य को अभी तक 55 लाख वैक्सीन के डोज मिले है. इसमें से करीब 40.12 लाख लोगों को वैक्सीन दे दिया गया है. 40.12 लाख में 33.32 लाख को पहला डोज और 6.84 लाख लोगों को पहला और दूसरा डोज. अभी भी सरकार के पास 6.56 लाख वैक्सीन बचे है, जो विभिन्न जिलों में है. वहीं अबतक टीके की कुल खुराक की उपलब्धता के अनुसार वैक्सीन की बर्बादी का अनुपात केवल 4.65 प्रतिशत है.
उन्होंने कहा कि गांव में वैक्सीन लेने को लेकर जो चेतना का अभाव है, उसके कारण कुछ लोग वैक्सीन नहीं ले रहे है. लेकिन अब सरकार पूरी तरह से सजग है. एक भी लोग वैक्सीन लेन से चूके नहीं, इसके लिए सरकार प्रयासरत है.