NewDelhi : भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को शुक्रवार देर रात मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के बाद घर भेज दिया गया. बग्गा की गिरफ्तारी के मामले में दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर लिये जाने की खबर है. पंजाब पुलिस ने जिस तरह से बग्गा की गिरफ्तारी की उस पर सवाल खड़े हो गये हैं. सवाल है कि क्या एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में किसी को भी गिरफ्तार करने पहुंच सकती है?
पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के कुछ घंटे बाद दिल्ली लौटे भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा शुक्रवार रात कहा कि भाजपा कार्यकर्ता किसी से नहीं डरेगा. बग्गा ने एएनआई से बात करते हुए कहा, जो लोग मानते हैं कि वे पुलिस की मदद से कुछ भी कर सकते हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि एक भाजपा कार्यकर्ता किसी से नहीं डरेगा. कहा कि मैं हरियाणा और दिल्ली पुलिस और सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को मेरा समर्थन करने के लिए धन्यवाद देता हूं. दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है और संबंधित लोगों को दंडित किया जायेगा.
संगीन अपराध पर ही दूसरे राज्य जा सकती है पुलिस
पुलिस रेग्युलेशन के अनुसार एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में गिरफ्तारी के लिए तभी जायेगी, जब अपराध संगीन हो. यानी उस अपराध की सजा कम से कम सात साल या फिर उससे ज्यादा हो. नियम कहता है कि अगर किसी राज्य या जिले की पुलिस दूसरे राज्य या जिले में गिरफ्तारी के लिए जाती है तो उस राज्य या जिले की पुलिस को गिरफ्तारी से पहले सिर्फ फोन करना, मैसेज भेजना या मौखिक तौर पर जानकारी देना ही काफी नहीं होता है.
गिरफ्तारी के लिए लोकल पुलिस को भी ले जाना जरूरी है.
पुलिस को उस राज्य या जिले या लोकल थाने की पुलिस के पास जनरल डायरी एंट्री करवानी भी जरूरी होती है. इतना ही नहीं, गिरफ्तारी के लिए लोकल पुलिस को भी ले जाना जरूरी है. गिरफ्तारी के लिए पहुंचे पुलिसवालों की संख्या और उनके पास मौजूद हथियारों के बारे में भी लोकल थाने में सूचना देना जरूरी है.
नियम के अनुसार पुलिस को गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर आरोपी को संबंधित अदालत में पेश करना जरूरी होता है. अगर दूरी या किसी और वजह से ऐसा संभव नहीं है, तो गिरफ्तारी वाली जगह के नजदीकी मजिस्ट्रेट के सामने आरोपी को पेश कर प्रोडक्शन वारंट लेना जरूरी होता है.
अन्याय के खिलाफ हम सड़कों पर उतरेंगे : भाजपा
जान लें कि भाजपा नेता बग्गा को पंजाब पुलिस ने सुबह उनके घर से उठाया था और हरियाणा के रास्ते पंजाब ले जा रही थी. तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कहा, यह एक अवैध हिरासत थी. इसकी सूचना किसी स्थानीय पुलिस अधिकारी को नहीं दी गयी. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल चाहें तो मेरे खिलाफ 100 और एफआईआर दर्ज करा सकते हैं. हम तब तक लड़ते रहेंगे जब तक वह कश्मीरी पंडितों के बारे में अपने बयान के लिए माफी नहीं मांग लेते. भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने बग्गा की रिहाई के बाद उनसे मुलाकात की औरकहा कि बग्गा की रिहाई लोकतंत्र की जीत है. उन्होंने कहा, “यह सत्य की जीत, लोकतंत्र की जीत और न्याय की जीत है. भाजपा का एक कार्यकर्ता न्याय के लिए संघर्ष करता रहेगा. हम किसी से नहीं डरते. अन्याय के खिलाफ हम सड़कों पर उतरेंगे.