- विधानसभा चुनाव में भाजपा को राजनीतिक फायदे मिले, इसलिए दो-तीन महिनों के लिए पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में आएगी कमी: डॉ रामेश्वर उरांव
- सर्दियों में पेट्रोल-डीजल की खपत बढ़ने के केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री के बयान पर ली चुटकी,”बताया राजनीतिक स्टंट”
Ranchi: देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पेट्रोलियम उत्पादों के कीमतों में कमी आने की भविष्यवाणी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने की है. उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल, असम और केरल समेत पांच राज्यों के लिए विधानसभा चुनाव कार्यक्रम तिथि की घोषणा के कारण पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में दो-तीन महीने के लिए कमी आएगी. उन्होंने यह भविष्यवाणी पेट्रोल-डीजल की कीमत और महंगाई में वृद्धि के खिलाफ शनिवार को राजभवन के समक्ष पार्टी द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के दौरान की.
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यह विरोध प्रदर्शन ग्रामीण जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुरेश बैठा के नेतृत्व में आयोजित हुआ था. धरना प्रदर्शन के उपरान्त सुरेश बैठा के नेतृत्व में राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन रांची डीसी को भी सौंपा गया. कार्यक्रम में कई कांग्रेसी नेता उपस्थित थे.
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बढ़ती महंगाई के खिलाफ जनाक्रोश, भाजपा में डर
इस दौरान डॉ उरांव ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के उस बयान पर चुटकी ली, जो उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों को लेकर दिया था. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्री के इस बयान में कोई सच्चाई नहीं है कि सर्दियों में पेट्रोल-डीजल की खपत बढ़ जाने के कारण कीमत में बढ़ोत्तरी होती है. दरअसल उनका यह बयान आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ही आया है. डॉ उरांव ने कहा कि जिस तरह से पूरे देश में बढ़ती महंगाई के खिलाफ जनाक्रोश का माहौल है, उससे भाजपा पूरी तरह से डरी हुई है. आगामी चुनावों में मोदी सरकार को नुकसान नहीं उठाना पड़े, इससे दिख सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए केंद्रीय मंत्री ने यह बयान दिया है. उन्होंने इस बात की भी भविष्यवाणी कर कहा कि चुनाव के बाद फिर से पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी होगी.
पूंजीपति मित्रों को सहायता पहुंचाने के लिए केंद्र की आंखें बंद
रामेश्वर उरांव ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमत को नियंत्रित करना केंद्र सरकार की जिम्मेवारी है. लेकिन जनविरोधी सरकार अभी अपने पूंजीपति मित्रों को सहायता पहुंचाने के लिए आंखें बंद कर बैठी है. हकीकत यही है कि गरीब से गरीब लोग पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस का उपयोग करते है. कांग्रेस शासनकाल में लोगों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही महंगाई पर काबू पाने के लिए इंतजाम किया जाता था, लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों और मजदूरों तथा जनमानस के विरूद्ध लगातार फैसले ले रही है. इसके खिलाफ पूरे राज्य में पार्टी की ओर से आंदोलन चलाया जा रहा है.
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