Ranchi: विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पास हुए एंटी मॉब लिंचिंग विधेयक के खिलाफ बीजेपी राजभवन पहुंच गई है. प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के साथ पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से कहा कि यह विधेयक कानून और संविधान के विपरीत है. मुलाकात के बाद दीपक प्रकाश ने कहा कि एंटी मॉब लिंचिंग कानून में ऐसे कई प्रावधान किये गये हैं जो कानून और संविधान के विपरीत तो हैं ही. इसके साथ यह बिल झारखंड की सामाजिक ताना-बाना और संस्कृति के विपरीत है. इससे जुड़े तमाम पहलुओं को बीजेपी ने राज्यपाल के सामने रखा और राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
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विधानसभा में भी बीजेपी विधायकों ने किया था विरोध
गौरतलब है कि जब एंटी मॉब लिंचिंग विधेयक विधानसभा में रखा गया था उस वक्त भी बीजेपी विधायकों ने इसका विरोध किया था. बीजेपी ने इसे हड़बड़ी में और एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए लाया गया विधेयक बताते हुए सदन का बहिष्कार किया था. बीजेपी विधायकों ने कहा था कि इस विधेयक में पुलिस को ज्यादा छूट दी गई है, जो समाज के लिए ठीक नहीं है.
मॉब लिंचिंग के दोषी को सश्रम आजीवन कारावास तक की सजा
इस विधेयक के तहत अगर कोई व्यक्ति मॉब लिंचिंग में शामिल रहता है और ऐसी घटना में पीड़ित की मौत हो जाती है तो दोषी को सश्रम आजीवन कारावास के साथ 25 लाख रुपये तक जुर्माना देना होगा. वहीं यदि कोई व्यक्ति किसी को लिंचिंग करने की साजिश में शामिल होता है या षडयंत्र करता है तो उसे भी आजीवन कारावास की सजा मिलेगी. अगर मॉब लिंचिंग में किसी को गंभीर चोट आती है, तब भी दोषी को 10 वर्ष से लेकर उम्र कैद तक की सजा होगी. इसके साथ ही 3 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा.
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