Patna: राजस्थान कांग्रेस में उठापटक और अशोक गहलोत की भूमिका को लेकर बिहार बीजेपी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. बिहार बीजेपी कार्यालय प्रभारी और प्रदेश प्रवक्ता सुरेश रुंगटा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तुलना राजस्थान के कांग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से की है. उन्होंने कहा, “जिस प्रकार अशोक गहलोत को अपनी कुर्सी से बेहद प्यार है ठीक उसी प्रकार नीतीश कुमार को भी जनता की नहीं, बल्कि सिर्फ अपनी कुर्सी की फिक्र है. पद और कुर्सी के लालच में ही नीतीश कुमार ने कई बार पलटी मार चुके हैं. चुकी अशोक गहलोत को ऊपर उनके आलाकमान बैठे हैं, लिहाजा उनके कुर्सी के प्रति समर्पण का भाव सामने निकल कर आ जाता है. दूसरी तरफ नीतीश कुमार अपनी पार्टी के सर्वे सर्वा हैं, इसलिए कुर्सी से चिपके रहने पर पार्टी के भीतर तो विरोध होता है, लेकिन किसी नेता की यह हिम्मत नहीं है कि वह बाहर निकल कर नीतीश कुमार के कुर्सी प्रेम के खिलाफ कोई बात कह सकें.”
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कुर्सी के लिए कुछ भी करेंगे नीतीश- सुरेश रुंगटा
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता सुरेश रुंगटा ने कहा, “अशोक गहलोत जिस प्रकार का खेल कांग्रेस के साथ खेल रहे हैं ठीक उसी प्रकार नीतीश कुमार भी कुर्सी के लिए ही महागठबंधन के तमाम राजनीतिक दलों के साथ जबदस्त खेल, खेल रहे हैं. नीतीश कुमार पीएम बनने की चाहत में विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को बिहार के कुर्सी पर बैठाने की तैयारी कर रहे हैं. आज भले ही नीतीश कुमार यह कह रहे हो कि उन्हें अपने लिए कुछ नहीं चाहिए बल्कि तेजस्वी की ओर इशारा कर यह कह रहे हैं कि युवा नेतृत्व के लिए वह काम कर रहे हैं.”
“पीएम उम्मीदवार नहीं बने तो फिर पलटी मारेंगे नीतीश”
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “जिस दिन नीतीश कुमार को यह पता चलेगा कि वह पीएम नहीं बन सकते ना ही विपक्ष का कोई दल उन्हें पीएम का उम्मीदवार मानने को तैयार नही है. उसी दिन वह फिर से पलटी मार कर अशोक गहलोत की तरह अपने विधायकों से इस्तीफा दिलवा सकते हैं.”
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नीतीश को सोनिया ने नहीं दी तवज्जो- सुरेश रूंगटा
बीजेपी प्रवक्ता ने यह भी कहा, रविवार को लालू प्रसाद यादव के साथ सोनिया गांधी से मिलने गए नीतीश कुमार को बिल्कुल भी भाव नहीं मिला. वह तो लालू प्रसाद यादव ने सोनिया गांधी से समय ले लिया था तभी उनकी मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष से हो सकी थी. मुलाकात के बावजूद सोनिया गांधी ने इशारे में नीतीश कुमार को यह कह कर वहां से विदा कर दिया कि वह फिलहाल वह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव में व्यस्त है. इसलिए विपक्ष की एकजुटता पर या प्रधानमंत्री की दावेदारी पर 10 दिन बाद बात करेंगी. यह नीतीश कुमार के लिए सोनिया गांधी का स्पष्ट संदेश था कि कांग्रेस को नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद की दावेदारी स्वीकार नहीं है.”