दिनेश कुमार पांडेय
Bokaro : बीएसएल के ढाई दर्जन से अधिक स्कूल बंद हो जाने से करोड़ो रुपए के भवन समेत लाखों रुपए के उपस्कर, उपकरण बेकार पड़ गए. यह सभी स्कूल एक समय बच्चों से गुलजार होते थे. लेकिन स्कूल बंद होने के बाद भवन खंडहर होते जा रहे हैं. खिड़कियां, दरवाजे सहित उनके उपस्कर, उपकरण चोरों का निवाला बन गया. आलम यह है कि वहां नशेड़ियों, जुआरियों व अपराधियों का अड्डा बनता जा रहा है. यही वजह है कि हाल के दिनों में शहर के कई सेक्टरों में चोरी की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है.
बंद पड़े कुछ स्कूल भवन का उपयोग दूसरे कार्यों में हो रहा है. सेक्टर-2 मॉडल स्कूल को ठेका कर्मियों का सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया है. सेक्टर 6 बीआईबी को कोविड केंद्र बना दिया गया है. बोकारो स्टील प्रबंधन के स्थापना काल से ही कंपनी कर्मचारियों के बच्चे इन स्कूलों में उच्च क्वालिटी की शिक्षा ग्रहण करते थे. इन स्कूलों में अब छात्रों की संख्या भी निरंतर घट रही है. जो स्कूल बंद होने का मुख्य कारण है.
स्थिति पर एक नजर
बीएसएल में जब 55 हज़ार कर्मचारी थे तो बीएसएल 42 प्रबंधन स्कूल संचालित करता था. उन स्कूलों में 24 हज़ार बच्चे तालिम लेते थे. आज कर्मचारियों की संख्या 55 हज़ार से घटकर 10 हज़ार रह गई है. कर्मचारियों के घटने से बच्चों की संख्या भी 24 हज़ार से गिरकर 4100 पर आ गई. लिहाज़ा 42 में से 33 स्कूलों को बंद कर दिया गया. महज 9 स्कूलों में 4100 बच्चों को शिक्षा दी जा रही है.
कहां बंद पड़े कितने स्कूल
बोकारो एलएच एरिया में 2, सेक्टर 1 में 3, सेक्टर 2 में 3, सेक्टर 3 में 3, सेक्टर 4 में 2, सेक्टर 6 में 4, सेक्टर 8 में 6, सेक्टर 9 में 4, सेक्टर 11 में 1 और सेक्टर 12 में 2 स्कूल इतिहास के पन्नों में दफ़्न हो गये.
निजी स्कूलों का बढ़ता क्रेज
बोकारो झारखंड में शिक्षा का हब माना जाता है. जहां कई राज्यों से छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते है. यहां निजी स्कूलों का क्रेज बढ़ता जा रहा हैं. मनमाने तरीके से फीस में बढ़ोतरी के साथ आर्थिक दोहन संस्थानों द्वारा किया जाता है. अभिभावक संघ ने आंदोलन तक किया. लेकिन बीएसएल ने इसे सुधारने की दिशा में पहल नहीं की.
निजी हाथों को सौंपने की तैयारी
सूत्रो बताते हैं कि जो स्कूल बंद हो गए हैं, उनके भवन समेत कैंपस को निजी संचालकों के हाथों सौंपने की तैयारी चल रही है. यदि ऐसा हुआ तो भवन का सदुपयोग तो होगा. राजस्व की प्राप्ति भी होगी. लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की पढ़ाई का लक्ष्य कहीं पीछे छूट जाएगा.
….और बंद हो सकते हैं 7 स्कूल
बीएसएल के कुल 42 स्कूलों में से 33 स्कूल बंद पड़े हैं. अब 7 स्कूल और बंद करने की योजना है. यानी 40 स्कूल बंद होने के बाद दो स्कूल ही कार्यरत होंगें. इसके लिए निजी स्कूलों के संचालकों से सेल की बात हुई है. इच्छुक अभयर्थियो से आवेदन मांगे गए हैं.
लोगों का विरोध भी बेअसर
सेक्टर 11डी में बीएसएल के स्कूल को बंद कर सेक्टर 8बी के स्कूल के साथ मर्ज करने पर स्थानीय लोगों ने विरोध जताया था. लोगो ने सड़क पर प्रदर्शन करते हुए कहा था कि इतनी दूरी तय करना बच्चो के लिए मुश्किल है. इसके बावजूद विरोध का कोई असर नहीं हुआ.
जानिए सेल कैसे है मजबूर
सेल में पहले जब 45 से 50,000 कर्मचारी थे, तब 42 स्कूलों मे लगभग 25 हजार बच्चे नामांकित किए गए थे. अब कर्मियो की संख्या लगभग 10 हजार रह गई हैं. तो छात्रों की संख्या एक चौथाई हो गई हैं. ऐसे में सेल, बीएसएल अनावश्यक खर्च उठाना नहीं चाहता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
बीएसएल के प्रभारी निदेशक अमलेंदु प्रकाश ने कहा कि कर्मचारियों के साथ-साथ छात्रों की संख्या घटी हैं. जिसके कारण स्कूलों की संख्या भी घटी है. जो स्कूल संचालित है उनकी व्यवस्था सुधारने का काम जारी है. बीएसएल समग्र विकास के प्रति गंभीर है.
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