Akshay Kumar Choube
Topchanchi : तोपचांची झील की प्राकृतिक और नैसर्गिक सुंदरता की अलग पहचान है. इसकी अनुपम सुंदरता का आनंद लेने सालों भर यहां देश-विदेश से पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. ब्रिटिश शासन में बिहार ओडिशा के गवर्नर सर हेनरी वीलर ने कोयलांचल में जलापूर्ति के उद्देश्य से 15 नवंबर 1924 को इस झील की नींव रखी थी. समय के साथ हर क्षेत्र में विकास हुआ, लेकिन स्थापना के 98 वर्ष बाद भी यह झील विकास से कोसों दूर है. झील के विकास के लिए कई बार योजना बनी, लेकिन हर बार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. कहा जाता है झील की ऐसी बनावट है कि अगर इसमें पूरी तरह पानी भर जाए, तो इसका स्वरूप अखंड भारत के मानचित्र जैसा दिखता है.
प्रशासनिक उपेक्षा का आलम यह है कि नाला में मिट्टी व सड़ी-गली चीजों के जमाव के कारण झील में पानी सही तरीके से नहीं आ पाता है. झील की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण की बात, तो दूर देख-रेख करने वाले झमाडा की हालत इतनी खराब है कि वह अपने बूते इसका कायाकल्प नहीं कर सकता. सरकारी योजना सिर्फ कागजों पर बन कर रह जाती है. राशि आते ही बंदरबांट शुरू हो जाती है.
पढ़ें : धनबाद: मेमको मोड़ से गोल बिल्डिंग तक भारी वाहन के प्रवेश पर लगी रोक
देखते ही बनता है यहां का प्राकृतिक सौंदर्य
तोपचांची झील के आसपास की खूबसूरत वादियां, पारसनाथ की पहाड़ी श्रृंखला और वन्य जीव प्राणियों की मनमोहक छटा पर्यटकों को आकर्षित करती रही है. ग्रामीण कहते हैं कि खास मौसम में विदेशी साइबेरियन पक्षियों का भी आगमन होता है, जो झील की खूबसूरती मेंर चार चांद लगाते हैं.
यहां हो चुकी है कई नामी फिल्मों की शूटिंग
झील की नैसर्गिक सुंदरता को समेटते हुए यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है. वर्ष 1966 में हिदी फिल्म के स्टार कलाकार धर्मेंद्र, राजश्री व महमूद की फिल्म मोहब्बत एक जिंदगी है के कई दृश्यों की शूटिंग इस झील में हुई थी. बांग्ला फिल्म अभिनेता उत्तम कुमार की भी कई फिल्मों की शूटिग यहां हुई है. इसके अलावा झारखंड के स्थानीय कलाकारों के खोरठा व नागपुरी गीतों की शूटिंग भी यहां अक्सर होती रहती है.
बिना मोटर पंप के कोयलांचल को करती है पानी की सप्लाई
झील की बनावट कुछ इस प्रकार है कि यह करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित इलाकों में बिना मोटर पंप के पानी की सप्लाई करती है. लेकिन आज हालात ऐसी हो गई है कि यदि सरकार ने ध्यान नहीं दिया, तो झील का अस्तित्व ही संकट में आ जाएगा.
झमाडा ने किया सिर्फ शोषण : विकास महतो
जिप सदस्य विकास कुमार महतो ने कहा कि तोपचांची की इस धरोहर का झमाडा ने लगातार शोषण किया है. इसके पानी को बेच कर मोटी रकम कमाई है. पर्यटकों के लिए बने भवन देखरेख के अभाव में जर्जर हो गए हैं. भवन में लगे फर्नीचरों को बेच दिया गया. झील घूमने आने वाले सैलानियों की सुरक्षा का यहां कोई इंतजाम नहीं है. झील के प्रवेश द्वार से गुजरने वाले प्रत्येक वाहन से झमाडा शुल्क वसूलता है, लेकिन विकास पर फूटी कौड़ी भी खर्च नहीं करता. स्थापना के समय झील के किनारों पर स्ट्रीट लाइट लगी थी, इस आधुनिक युग में कहीं भी स्ट्रीट लाइट नहीं है. पर्यटकों के लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है.
यह भी पढ़ें : धनबाद : बिरसा मुंडा ने ही दिया था जल जंगल जमीन की रक्षा का नारा- हरि प्रसाद