Bokaro : बोकारो के एक निजी अस्पताल में परिजनों ने जमकर हंगामा किया साथ ही गंभीर आरोप भी लगाये है. परिजनों ने सेक्टर 12 थाने में लिखित शिकायत कर कार्रवाई की मांग भी की है. वहीं हंगामे को देखते हुए अस्पताल प्रबंधक और डॉक्टर दोनों फरार हो गए. खबर मिलते ही बोकारो सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है, जिसके बाद मामला शांत हुआ. आपको बता दें कि बोकारो के सेक्टर 12 थाना क्षेत्र के बियाड़ा स्थित रॉयल हॉस्पिटल जो निजी नर्सिंग होम है पर आरोप है कि ऑपेंडिक्स के इलाज के नाम पर एक मरीज का दो-दो बार ऑपरेशन कर दिया गया. इसके बाद भी मरीज ठीक नहीं हुआ, उल्टा जहां दो-दो बार ऑपरेशन किया गया, वहां इंफेक्शन हो गया है. मरीज गौतम साव जो बोकारो जनरल अस्पताल के बाहर प्राइवेट एंबुलेंस चलाते हैं. उनकी माने तो पहले पेट में दर्द हुआ, जिसको लेकर के एक एजेंट के माध्यम से बियाड़ा स्थित इस निजी नर्सिंग होम में पहुंचे जहां कम खर्च में इलाज करा देने की बात कही गई. डॉक्टरों ने इलाज करके ऑपेंडिक्स बताया और इसका इलाज भी ऑपरेशन के माध्यम से किया गया. मरीज की माने तो ऑपरेशन किए हुए जगह पर पस लगातार निकल रहा था जहां डॉक्टरों ने घर जाने की सलाह दी. घर जाने के कुछ ही दिन के बाद फिर से दर्द शुरू हो गया और पस भी नहीं सुखा तो दोबारा इलाज कराने के लिए उसी निजी नर्सिंग होम में पहुंचा जहां पर डॉक्टरों ने फिर से दोबारा ऑपरेशन करने की बात कही और मोटी रकम करीब 80 हजार रुपया ले लिया गया.
इसे भी पढ़ें- आदित्यपुर : नाबालिग से गम्हरिया में दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार
निजी नर्सिंग होम के संचालक सहित डॉक्टर फरार
मरीज के परिजन गरीबी के बाद भी किसी तरीके से पैसे जुटाकर दोबारा ऑपरेशन कराया. लेकिन दर्द से निजात नहीं मिला, बल्कि मुसीबत बढ़ती गई. जब इसकी शिकायत फिर निजी अस्पताल के प्रबंधक से की गई तो उसे हायर सेंटर जाने की सलाह दी गई. दूसरी जगह इलाज कराने पर पता चला कि मरीज के पेट में पूरी तरीके से इंफेक्शन हो गया है और अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ ही नहीं है. जिसकी वजह से बार-बार पेट में दर्द हो रहा है. इसके बाद मरीज और उसके परिजन के द्वारा अस्पताल में देर रात तक हंगामा किया गया. वहीं निजी नर्सिंग होम के संचालक सहित डॉक्टर फरार हो गए. मरीज और उसके परिजनों ने कहा कि हमें न्याय मिलना चाहिए ताकि ऐसे अस्पताल जो कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हैं और दलालों के माध्यम से मरीजों के जान पर खेल रहे हैं, इस पर कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं बोकारो के सिविल सर्जन अभय प्रसाद ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत अगर लाइसेंस नहीं लिया है तो मामला और भी गंभीर हो जाता है.
इसे भी पढ़ें-देवघर : दोनों पांव से लाचार कांवरिया सुल्तानगंज से पैदल पहुंचे बाबा मंदिर