Dinesh Kumar Panday
Bokaro : जिले में चिकित्सीय व्यवस्था एक बार फिर चरमराने लगी है. बोकारो जेनरल अस्पताल कभी राज्य में बहुचर्चित अस्पताल हुआ करता था. जहां शहरी क्षेत्र के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए निर्भर रहते थे. जबकि ग्रामीण मरीजों की निर्भरता सदर अस्पताल पर थी. लेकिन आज दोनों अस्पतालों में चिकित्सकों के कमी के कारण न केवल इलाज प्रभावित हो रहा है. बल्कि हेल्थ सेंटर ही बंद होने लगे हैं. यही वजह है कि मरीजों की निजी अस्पतालों पर निर्भरता बढ़ने लगी है. इन दोनों अस्पतालों में एएनएम,जीएनएम समेत अन्य कर्मचारियों का भी टोटा है. जिसके बाद सभी विभागों में पर्याप्त डॉक्टर नहीं है.जिससे मरीजों की संख्या बढ़ने के बजाय घटने लगी है. हालांकि इन अस्पतालों में संसाधनों की कमी नहीं है, बल्कि उसके विशेषज्ञ ऑपरेटर नहीं है.
बंद हो गये बीजीएच के चार हेल्थ सेंटर
बोकारो जेनरल अस्पताल झारखंड का नामी गिरामी अस्पताल है. जहां चिकित्सा के आधुनिक युग के तकनीकों से लैश संसाधन उपलब्ध हैं, लेकिन चिकित्सकों के कमी के कारण सेक्टर 1,सेक्टर 2,सेक्टर 8,सेक्टर 11 के हेल्थ सेंटर बंद हो गये है.करोड़ों रुपए की लागत से बने स्वास्थ्य केंद्र के भवन भी बेकार हो गये हैं.
लाखों रुपए का हुआ नुकसान
बीजीएच भारत सरकार के उपक्रम सेल का एक हिस्सा है. सेल ने सभी सेक्टरों में अपने कर्मचारियों के इलाज के लिए हेल्थ सेंटर बनाया था. लेकिन सेंटर बंद हो जाने से उस भवन के खिड़की, दरवाजे समेत अन्य सामान की चोरी हो गई. समुचित देखभाल नहीं होने से सरकार को लाखों रुपए के नुकसान हो गया है.
दलालों की चांदी
बीजीएच तथा सदर अस्पताल में दलालों की चांदी कट रही है.चिकित्सकों के कमी के कारण चिकित्सक आकस्मिक जरूरत पर उपलब्ध नहीं होते हैं .कई डॉक्टर निजी प्रैक्टिस करते हैं.यदि तत्काल सेवा की जरूरत पड़ी तो मरीजों को निजी अस्पतला जाना पड़ता हैं. इसके लिए उन्हें मोटी रकम चुकानी पड़ती है. कई चिकित्सकों के दलाल शहर के अस्पताल संचालक भी है.
दवाइयों की भी है कमी
कई कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद लोगों की कमी हो गयी है. कई पद भी खाली पड़े हुए है. दवाइयों की खरीदी अनुमोदन के बाद की जाती हैं.इसके लिए अधिकारियों के संचिका बढ़ानी पड़ेगी, लेकिन पद में रिक्तियों के कारण खरीदी प्रभावित होती है.
अधिकारियों ने कहा इलाज प्रभावित नहीं होती
बीजीएच के संचार प्रमुख मणिकांत धान ने बताया कि अभी जो कर्मचारी है,उनके लिए हेल्थ सेंटर काफी है. बीजीएच में कर्मियों की कमी है, लेकिन इलाज प्रभावित नही होते हैं.
बोकारो के सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद ने बताया कि संसाधन उपलब्ध हैं,कर्मचारियों की कमी है.लेकिन इलाज प्रभावित नही होते हैं.सभी विभागों में चिकित्सकों की तैनाती की गई है.जरूरी दवाओं की खरीदी भी की जा रही हैं.