NewDelhi : प्रधानमंत्री मोदी ने आज शनिवार को कहा कि न्याय की सहजता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि व्यापार की सहजता और जीवनयापन की सहजता. पीएम मोदी ने पहले अखिल भारतीय जिला कानूनी सेवा प्राधिकरणों के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही. प्रधानमंत्री मोदी के साथ CJI रमना भी मंच पर मौजूद थे. कार्यक्रम में जस्टिस उदय यू ललित,जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सहित कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी उपस्थित थे.
As important as access to the judicial system is for any society, justice delivery is equally important. The judicial infrastructure has an important contribution to this. In the last 8 yrs, work has been done at a fast pace to strengthen judicial infrastructure in India: PM Modi pic.twitter.com/WlzOvs0ghE
— ANI (@ANI) July 30, 2022
Our true strength lies in the youth. 1/5th of world’s youth lives in India. Skilled workers are only 3% of our workforce we need to harness the skill force of our country & India is now filling the global gap: CJI NV Ramana at 1st All India District Legal Service Authorities meet pic.twitter.com/kQZN5nz5Ai
— ANI (@ANI) July 30, 2022
National Legal Services Authority (NALSA) has launched a campaign ‘Release UTRC@75’ from 16th July for identifying eligible prisoners &recommending release of fit cases to Under Trial Review Committee:Union Min Kiren Rijiju at 1st All India District Legal Service Authorities meet pic.twitter.com/eOi99KsiML
— ANI (@ANI) July 30, 2022
इसे भी पढ़ें : पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को दिल्ली में कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी पुलिस ने, विहिप ने पत्र लिख किया था विरोध
एनडीए सरकार ने देश के न्यायिक ढांचे को मजबूत करने के लिए तेजी से काम किया
पीएम मोदी ने कहा कि न्यायिक प्रणाली तक पहुंच किसी भी समाज के लिए जितनी महत्वपूर्ण है, न्याय वितरण भी उतना ही महत्वपूर्ण है. न्यायिक बुनियादी ढांचे का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान है. प्रधानमंत्री मोदी ने जेलों में बंद और कानूनी मदद का इंतजार कर रहे विचाराधीन कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया में न्यायपालिका से तेजी लाने की अपील की. कहा कि पिछले आठ वर्षों में एनडीए सरकार ने देश के न्यायिक ढांचे को मजबूत करने के लिए तेजी से काम किया है.
प्रधानमंत्री ने इस क्रम में कहा कि ई-कोर्ट मिशन के तहत, देश में वर्चुअल अदालतें शुरू की जा रही हैं. यातायात उल्लंघन जैसे अपराधों के लिए अदालतों ने चौबीस घंटे काम करना शुरू कर दिया है. लोगों की सुविधा के लिए अदालतों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के बुनियादी ढांचे का भी विस्तार किया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें : गुजरात : तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार की जमानत याचिकाओं पर फैसला आज
कमजोर व्यक्ति को भी मिले न्याय का अधिकार
प्रधानमंत्री ने कहा, यह समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है. यह उन संकल्पों का समय है जो अगले 25 वर्षों में देश को नयी ऊंचाई पर ले जायेंगे. देश की इस अमृतयात्रा में व्यापार करने में आसानी और जीवन में आसानी की तरह ही न्याय की आसानी भी उतनी ही जरूरी हैं. न्याय का भरोसा हर देशवासी को एहसास दिलाता है कि देश की व्यवस्थाएं उसके अधिकारों की रक्षा कर रही हैं. इसी सोच के साथ देश ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की स्थापना भी की. ताकि कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय का अधिकार मिल सके.
CJI ने सभी को न्याय दिलाने पर जोर दिया
पीएम मोदी से पहले मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने भी अपनी बात रखी, CJI ने सभी को न्याय दिलाने पर जोर देते हुए कहा कि हमारी असली ताकत युवाओं में है. दुनिया के 1/5 युवा भारत में रहते हैं. लेकिन कुशल श्रमिक हमारे कार्यबल का केवल 3 प्रतिशत हैं. इस क्रम में कहा कि हमें अपने देश की कौशल शक्ति का उपयोग करने की जरूरत है, भारत अब वैश्विक अंतर को भर रहा है.
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने अपनी बात रखते हुए अखिल भारतीय जिला कानूनी सेवा प्राधिकरणों के बारे में बताया. कहा कि NALSA प्रत्येक जिले में विशेष रूप से टेली लॉ के लिए 700 वकीलों की सेवाएं प्रदान करेगा. ये वकील रेफरल वकीलों के रूप में कार्य करेंगे और मुकदमे के पूर्व चरण में विवाद से बचने और विवाद समाधान के तंत्र को मजबूत करने में भी सहायता करेंगे.