Bokaro : मैसर्स सिंह कंस्ट्रक्शन के मालिक धनंजय कुमार सिंह ने चास नगर निगम पर पूर्व एवं वर्तमान में निविदा निस्तारण के नियमों को ताक पर रखकर कार्य आवंटित करने का आरोप लगाया था. जिसके लिए धनंजय कुमार सिंह ने डीसी को पत्र भी लिखा था. पत्र में उन्होंने लिखा था कि निविदा की सूचना संख्या UDD/CMC/11/2021-22, तथा UDD/CMC/14/2021-22 में गलत तरीके से कार्य आवंटित हुआ है.यह नगर निगम चास द्वारा निविदा आमंत्रित की गई थी और उक्त निविदा के एनआईटी की नियमावली उल्लेखित की गई थी. लेकिन नगर निगम के पदाधिकारियों द्वारा बिना कोई अहर्ताएं पूरी किये मनमानी तरीके से कुछ विशेष ठेकेदारों को विशेष लाभ पहुंचाने के नियत से निविदा निस्तारण किया गया. पढ़ें – गया : विष्णुपद मंदिर का हुआ शुद्धिकरण, पाल पंडा समाज ने मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी को बर्खास्त करने की मांग की
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नगर निगम ने विशेष ठेकेदारों को कार्य आवंटित किया
उन्होंने आवेदन में कहा है कि एनआईटी के नियमावली के अनुसार संवेदक से जो भी कागजात मांगा गया. उसे संवेदक द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया. इसके बाद भी नगर निगम के द्वारा विशेष ठेकेदारों को कार्य आवंटित कर दी गई. साथ ही डीसी को इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी.
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नियमों की अनदेखी करने का लगाया आरोप
वहीं दूसरी ओर विजय कुमार नामक एक ठेकेदार ने भी नगर निगम निविदा निस्तारण के मामले में गलत तरीके से कार्य आवंटित कर नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया था. निगम के द्वारा निविदा में गड़बड़ी करने था व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था.उन्होंने आवेदन पत्र में लिखा था कि कुछ विशेष लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए गलत तरीके से टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई है.
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तीन माह बीत जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई.
जिसके बाद डीसी ने आवेदन पत्र की सत्यता की जांच के लिए बोकारो ने उप विकास आयुक्त को जांच सौंपा था. उपायुक्त ने गोपनीय शाखा के पत्रांक 1451 दिनांक 07.05.2022 डीडीसी को भेजकर जांच कर रिपोर्ट बनाकर भेजने का निर्देश दिया था. आदेश के तीन माह बीत जाने के बाद भी आज तक जांच पूरी नहीं हुई. इस तरह के लापरवाही से नगर निगम पर अंकुश लगाना मुश्किल हो गया है. हालांकि इस मामले में अबतक कौन सी कर्रवाई हुई जानने की कोशिश अधिकारियों से की गई, लेकिन तकनीकी कारणों से संपर्क स्थापित नहीं हो सका.